मन की उलझन- गर्लफ्रेंड मुझसे बातें छुपाती है

हम पिछले चार साल से साथ हैं और हमारे बीच बहुत अच्छा रिलेशन है। दूसरे कपल्स की तरह हमारे झगड़े भी ज्यादा नहीं होते ए लेकिन मुझे परेशानी इस बात की है कि मेरी गर्लफ्रेंड अक्सर मुझसे छोटी . छोटी बातें छिपाती है। अगर वह पार्लर गई है ए तो बोलेगी कि मैं फ्रेंड के साथ थी। या फिर वह मुझे अपनी ड्रेस की कीमत सही नहीं बताएगी। मुझे लगता है कि इस तरह हमारे बीच विश्वास कम हो जाएगा। क्या करूं ?
रोशन सूरी 
लगता है आप अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर ज्यादा ही पजेसिव हो रहे हैं। हर रिलेशन थोड़ा स्पेस मांगता है और ऐसा न होने पर इसमें परेशानियां आने लगती हैं। आप उसे अपनी मर्जी से चलने दें और उससे ज्यादा सवाल न करें। वैसे ए भी हर लडक़ी अपनी हर बात अपने बॉयफ्रेंड को नहीं बताना चाहेगी। और आप भी तो कुछ प्राइवेसी चाहते ही होंगे। इसलिए इस बात को समझें।
बेटा चुप रहने लगा है
मेरा आठ साल का बेटा पिछले कुछ समय से बहुत चुप रहने लगा है। पहले वह बहुत शरारती था ए लेकिन अब वह उतना ऐक्टिव नहीं रहता। वह अकेला बैठना पसंद करता है और किसी से बात करना पसंद नहीं करता। यहां तक कि अपने दोस्तों से भी कटा . कटा रहता है। उसका ऐसा व्यवहार मेरी समझ में नहीं आ रहा है। आंचल तिवारी
आपने यह नहीं बताया कि उसे यह समस्या कब से है। अगर उसके इस व्यवहार को एक से दो महीने हो गए हैं ए तो उसे डिप्रेशन हो सकता है। आपके परिवार में डिप्रेशन की शिकायत होने पर उसे यह प्रॉब्लम होने के चांसेज बहुत ज्यादा हैं। अगर वह बात नहीं करता ए तो भी परिवार के लोग बारी . बारी से उससे बतियाते रहें। साथ ही ए उसके रूटीन की लिस्ट बनाएं। इसके जरिए जानने की कोशिश करें कि कब वह चुप हो जाता है और इस दौरान उसकी हरकत क्या रहती है। इसके बाद उसे किसी मनोचिकित्सक को दिखाएं।
पैरंट्स तलाक ले रहे हैं
मेरे पैरंट्स के बीच बहुत झगड़े होते हैं और वे तलाक के बारे में सोच रहे हैं। वे दोनों यह भी जानना नहीं चाहते कि इसका मुझ पर और मेरे भाई पर कितना बुरा असर पड़ रहा है। इस सब में मेरा भाई कंट्रोल से बाहर होता जा रहा है और मैं उसके लिए बहुत परेशान हूं। कई बार हम दोनों ही घर से भागने के बारे में सोचते हैं। हमें बताएं कि हम क्या करें घ् मेरी उम्र 15 साल और मेरे भाई की उम्र 13 साल है।
एबीसी
कई पैरंट्स अपने ईगो व मुद्दों में बच्चों के बारे में सोचते ही नहीं हैं और दुख है कि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है। पैरंट्स के बीच लड़ाई आप पर दबाव डाल रही है। इतने सालों में आपको उनकी लड़ाई के कारणों का कुछ तो पता लगा ही होगा और फिर आप दोनों भाई . बहन इतने बड़े हो चुके हैं कि घर की शांति बनाए रखने की कोशिश कर सकें। फिर घर से भागना आपकी प्रॉब्लम को सुलझाने की बजाय बढ़ा ही देगा। ऐसा सोचने की बजाय आप उनकी लड़ाई को सुलझाने की कोशिश करें। घर में बड़े होने के नाते आपको थोड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी और साथ ही ए अपने छोटे भाई को प्यार से सही रास्ता दिखाना होगा। इसके अलावा ए अपने पैरंट्स से भी आप सवाल कर सकती हैं। हो सकता है कि इससे वे कुछ सबक लें।
चैटिंग की आदत पड़ गई है
कुछ समय पहले मेरे करीबी दोस्त पढ़ाई के लिए बाहर चले गए थेए लेकिन मै यहीं रहा। दोस्तों से बात करने और नए दोस्त बनाने के लिए मैंने इंटरनेट पर वक्त बिताना शुरू कर दिया। लेकिन अब मुझे इसकी इतनी आदत हो गई है कि इसका असर मेरी पर्सनल लाइफ पर पडऩे लगा है। सुबह उठते ही मुझे नेट ऑन करके किसी से चैट करने का मन करता है। क्या आप इस प्रॉब्लम को दूर करने में मेरी मदद कर सकते हैंए क्योंकि जब मैं किसी से चैट नहीं करता हूंए तो मुझे बहुत बेचैनी व अकेलापन महसूस होता हैघ्
अंकित
इंटरनेट एडिक्शन के अपने साइकॉलजिकल व इमोशनल साइड इफेक्ट्स हैं। पिछले कुछ समय में की गईं रिसर्च बताती हैं कि ज्यादा समय तक नेट पर रहने वाले लोगो को रीयल लाइफ प्रॉब्लम्स आती हैं। ऐसा खासतौर पर उनके साथ ज्यादा होता हैए जो सेक्स को लेकर बात करते हैं। उन्हें नेट की इतनी आदत हो जाती है कि इसके बाद वह शादीए परिवार और काम पर ध्यान ही नहीं दे पाते। ऐसे में बेहतर यही रहेगा कि आप इस मुद्दे पर किसी काउंसिलर से बात करें। वह जरूरत के मुताबिक आपकी मदद करेगा। इसके अलावाए खुद को अपने इंटरेस्ट के कामों में बिजी रखने की कोशिश करें। अपना एक शेड्यूल बनाएं और उसके मुताबिक चलें। इस तरह आपको इस बात से बाहर आने में खासी मदद मिलेगी।
ममी.पापा टोकते हैं, क्या करूं?
मेरी बेटी चार साल की है। दो महीने पहले तक वह खुश होकर नर्सरी स्कूल जाती थीए लेकिन अचानक वह वहां जाने से कतराने लगी है। मैंने स्कूल जाकर इसकी वजह जानना चाहीए तो पता लगा कि वह ड्रामा सिखाने वाले अपने नए टीचर से डरती है। वैसेए अजनबियों से मिलने से वह एक साल की उम्र से ही डरती रहती है। अब स्कूल के नाम से ही वह रोने लगती है। अगले साल से उसे नया स्कूल जॉइन करना है और वहां आसपास बहुत से पुरुष भी होंगे। मुझे समझ नहीं आ रहा मैं उसे ऐसे माहौल का सामना करने के लिए कैसे तैयार करूंघ्
मुक्ता
आपको यह पता लगाना पड़ेगा कि अजनबियों के प्रति उसके मन में डर कब और कैसे बैठा और इसे जल्द से जल्द दूर करना पड़ेगा। वरना उसका यह व्यवहार उसकी पर्सनैलिटी ग्रोथ को कम कर सकता है। इस सिचुएशन को आप हल्के तौर पर न लें। आप चाहेंए तो प्रफेशनल हेल्प भी ले सकती हैं। बच्चे पर जबर्दस्ती न करें और उसे प्यार व विश्वास के साथ स्कूल जाने के लिए मनाएं।
मेरी शादी सिर्फ अच्छे लडक़े से क्यों?
मां अच्छी होती है। वह जो कहती.करती हैए बच्चों के भले के लिए होता है। पर ऐसे कई मसले हैंए जिन पर मां और बच्चों के बीच जेनरेशन गैप रह जाता है। मदर्स डे पर इसी गैप को भरने की कोशिश की है एनबीटी टीम ने:
सवाल: आप मेरी शादी के बारे में पहले मुझसे बात न कर पापा से मेरे लिए कोई अच्छा.सा लडक़ा देख लेने को कह रही थीं। मुझे यह सुन कर बड़ा अजीब लगा कि जिस आदमी के साथ मुझे जिंदगी बितानी हैए उसके लिए आपकी निगाह में सिर्फ श्अच्छा.सा लडक़ाश् होना ही काफी है। मैं जानती हूं कि उसकी अच्छाई आपके लिए ओहदे और उसके कमाए गए पैसे से बनती है। लेकिन मुझे तो वह लडक़ा चाहिएए जो महज इस तरह अच्छा होने से ज्यादा मुझे समझे.जाने। और इसके लिए जरूरी है कि मैं उस लडक़े को जानूंए उसके साथ समय बिताऊं।
जवाब: तुम बिल्कुल सही कह रही हो बेटी। मैं इससे इत्तेफ़ाक रखती हूं कि शादी के लिए दोनों को एक.दूसरे को समझना बहुत जरूरी है। लेकिन मेरी बच्चीए जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने के लिए पैसा भी बहुत मायने रखना रखता है। यह बात मैं तुम्हें अपने अनुभव से कह रही हूं। तो अगर हम लडक़े स्टेटस भी देखते हैं तो गलत नहीं कर रहे। हांए तुम्हारे पापा और मैं तुम्हारे जीवनसाथी का चयन आपसी रजामंदी से मिलकर करेंगे और तम्हें उस लडक़े को जानने का मौका मिलेए इसकी भी गुंजाइश बनाएंगे।
सवाल: आप मेरे किसी मेल फ्रेंड का फोन आने पर इतना परेशान क्यों हो जाती हैं?् क्यों आप जानबूझकर तभी कमरे में किसी बहाने आती हैंघ् उसी वक्त आपको मुझसे सबसे जरूरी सवाल पूछने की याद क्यों आने लगती हैघ् आपके इस तरह बीच में आने और शक्की अंदाज में टोकने से मेरा मन दुखता है।
जवाब: मैं मानती हूं कि यही उम्र दोस्त बनाने और उसे घुलने.मिलने की होती है। लेकिन बेटीए तुम भोली हो। 10 दोस्तों में से 2 ऐसे हो सकते हैंए जो तुम्हें बहला सकते हैं। लेकिन तुमने यह सही ध्यान दिलाया कि जब कोई बात करे तो टोकना नहीं चाहिए। मैं इस बात का ख्याल रखूंगी। मैं यह भी चाहती हूं कि तुम मुझसे कुछ भी न छुपाओ। कोई भी बात होए मुझे खुलकर बताओ। मैं तुम्हारी बात को जरूर समझूंगी।
सवाल: ऐसा क्यों है मां कि तुम शर्मा आंटी के सामने सिर्फ उनसे अपने को बेहतर साबित करने के लिए झूठी डींगें हांकती होघ् जैसे उस दिन ही तुम कह रही थी कि आज पनीर की सब्जी अनु ने बनाई हैए जबकि मुझे किचन का कितना कम काम करना आता हैए यह तुम अच्छी तरह जानती हो। हमें ऐसे शो.ऑफ की सचमुच में जरूरत है क्या?
जवाब: मेरी प्यारी बेटीए मैं तुम्हारी शुक्रगुजार हूं कि तुमने मेरी गलती की ओर ध्यान दिलाया। मैं आगे से कभी झूठी तारीफ नहीं करूंगी। पर मुन्नीए रसोई के कामकाज में तुम्हारा सिफर होना मुझे अखरता है। दुनिया सच न जानेए इसलिए तुम्हारी झूठी तारीफ करती रहती हूं। पर मेरा ऐसा करना गलत है। तुम भी थोड़ा.थोड़ा किचन के कामों में दिलचस्पी लो। अच्छा पढऩे के साथ.साथ धीरे.धीरे तुम अच्छी कुकिंग भी करने लगोगी तो यह तुम्हारे काम ही आएगा।
मम्मी पापा के झगड़ेे से परेशान हूं
सवाल: मैं समझ नहीं पा रही कि आपको यह कैसे कहूं कि आपका और पापा का रोज.रोज का झगड़ा मुझे जऱा भी अच्छा नहीं लगता। मैं इससे बहुत परेशान हो जाती हूं। मैंने कई बार नोटिस किया है कि आप पापा से झगडऩे के बाद उसका गुस्सा मुझ पर उतार देती हैं। मैं चाहती हूं कि आप फिर से मुझे प्यार करने वाली अच्छी ममा बन जाओ।
जवाब: मैं यह बात समझती हूं कि हमें आपस में झगडऩा नहीं चाहिए। कम.से.कम तुम्हारे सामने तो बिल्कुल नहीं। मुझे मालूम है कि हमारा झगड़ा करना तुम्हें बुरा लगता है। लेकिन मेरी बच्चीए हर इंसान में अच्छाई और बुराईए दोनों होती हैं। ऐसे में साथ रह रहे दो इंसानों के बीच छोटी.मोटी तकरार हो ही जाती है। यह जिंदगी का हिस्सा है। इसलिए परेशान मत हुआ करो। वैसे हम इसे कम करने की कोशिश करेंगे।
सवाल: मांए आप हमेशा दीदी और मुझे मॉडर्न कपड़े पहनाती थीं। लेकिन हमारे बड़े होते ही आपने इन्हीं कपड़ों पर एक तरह से पाबंदी लगा दी है। न हमें ऐसे कपड़े पहनने देती हैं और न ही खरीदने का मौका। समझ में नहीं आता कि कपड़ों को लेकर ही आपके मॉडर्न खयालात इतने तंग क्यों हो जाते हैं?
जवाब: बेटीए मुझे तुम्हारे मॉडर्न कपड़े पहनने पर ऐतराज नहीं है। लेकिन किस कपड़े को कहां और किस मौके पर पहना जाएए यह ध्यान रखना चाहिए। मैं अपने अनुभव से कहती हूं कि गलत जगह पर गलत ढंग के कपड़े पहनने से खतरा बढ़ जाता है। अगर मैं कभी किसी ड्रेस को पहनने से रोकती हूं तो उसके पीछे यही वजह होती हैं।
सवाल: आपका बाहरवालों के सामने मुझे टोकना बिल्कुल पसंद नहीं है। ऐसी छोटी.छोटी बातें आप बाहरवालों के जाने के बाद भी समझा सकती हैं। लेकिन पता नहीं क्यों आपको दूसरों के सामने टोकना और कई बार डांटना अच्छा लगने लगा है। इससे मेरी आदत कितनी सुधरीए मैं नहीं जानतीए लेकिन अब मेरे मन में इससे चिड़चिड़ापन जरूर आने लगा है।
जवाब: बेटीए मैंने अगर तुम्हें दूसरों के सामने डांटा तो यह मेरी गलती थी। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। मैं ध्यान रखूंगी कि आगे से अगर मुझे तुम्हारा कुछ गलत या बुरा लगेगा तो मैं अकेले में तुमसे बात करूंगी।
सवाल: मुझे आप हर वक्त हम बेटियों को श्बेटा.बेटाश् कह कर क्यों बुलाती हैंघ् मैं आपकी बेटी हूं। मैं बेटा नहींए आपकी बेटी कहलाना चाहती हूं। मेरा कोई भाई नहींए इससे भी मैं आपको कई दफा उदास होते देख चुकी हूं। ऐसा क्यों है ममाघ् आज बेटियां बेटों से कहां कम हैं
जवाब: ऐसा नहीं बेटी। मैंने कभी भी जान.बूझकर तुम्हें बेटा नहीं कहा। बेटा मेरे लिए हमेशा सिर्फ एक प्यार का शब्द रहा है। इसके पीछे बेटा और बेटी में फर्क करने जैसी कोई बात नहीं। लेकिन अगर तुम्हारे मन में यह सवाल उठा है तो मैं आगे से कोशिश करूंगी कि तुम्हें बेटी ही बोलूं।
सवाल: आप यह क्यों चाहती हैं कि मैं किसी गल्र्स कॉलेज में ही एडमिशन लूंघ् आपको यह क्यों लगता है कि बड़ी उम्र में को.एड से लडक़ों की संगत में लड़कियां बिगड़ती हैंघ् मुझे तो यह लगता है कि अगर मैं को.एड में न जाऊं तो यह जान ही न पाऊंगी कि भैया और पापा के अलावा दूसरे पुरुष कैसे होते हैं।
जवाब: मुझे लगता है कि तुमने वाकई एक गंभीर मसले की ओर मेरा ध्यान खींचा है। इस मामले में मुझे अपनी सोच बदलनी होगी। यह सही है कि अगर तुम को.एड में पढ़ोगी तो तुम्हें ज्यादा एक्सपोजऱ मिलेगा। तुम ज्यादा कॉन्फिडेंट हो पाओगी। इससे न सिर्फ तुम्हें बेहतर करियर बनाने में मदद मिलेगीए बल्कि जिंदगी के दूसरे पहलुओं से भी ज्यादा वाकिफ हो सकोगी।
मां जरा सी देरी पर डांटती है
सवाल: मांए आप मुझे जरा.सी देर होने पर डांटने लगती हैं। आपको यह भी लगता है कि मैं कॉलेज के बाद बेवजह घर से बाहर रहती हूं। इधर आपने मुझे ट्रैक करने के लिए हर घंटे कॉल करना शुरू कर दिया है। उस दिन तो आप यह देखने कि मैं सचमुच रेहाना के घर पर ही हूं या कहीं औरए कॉल करने के बाद वहीं आ गईं। आपका यह बर्ताव मुझे जरा भी अच्छा नहीं लगता।
जवाब: बेटीए यह बात मैंने बाद में महसूस की। मुझे तुम्हारी बात पर भरोसा करना चाहिए था और रेहाना के घर नहीं आना चाहिए था। लेकिन बच्चे अगर घर से बाहर हो तो मां को चिंता हो ही जाती है। आजकल कितने क्राइम होते हैंए यह तुम देख ही रही हो। इसलिए तुम्हारे देर तक बाहर रहने पर मैं चिंतित हो जाती हूं। मां बनने के बाद तुम्हें यह बात अच्छी तरह समझ आ जाएगी। हांए अगर तुम देरी होने पर खुद ही वक्त.वक्त पर अपने बारे में जानकारी देती रहो तो क्यों तुम्हें बार.बार तंग करूंगी।
सवाल: मांए आप मुझे न्यू इयर्स पार्टी में क्यों नहीं जाने देतींघ् आपको लगता है कि ऐसी पार्टियों में लड़कियों का जाना खतरे से खाली नहीं। मैं समझती हूं कि आपने मुझे इस तरह बड़ा किया है कि मैं अपनी जिम्मेदारी भी समझ सकूं और अपनी सुरक्षा कर सकूं।
जवाब: मुझे पता है कि ऐसी पार्टियों में जाने का तुम्हारा मन करता है। अगर मैं तुम्हें ऐसी पार्टियों में जाने से रोकती हूं तो उसकी वजह तुम पर भरोसा न होना नहींए बल्कि सिक्युरिटी की चिंता होती है। ऐसे मौकों पर होनेवाली वारदातों की वजह से मैं सचेत रहती हूं।
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