मंगलनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर दो दिन नहीं होगी भातपूजा

 उज्जैन। मंगल ग्रह का जन्म स्थान कहे जाने वाले मंगलनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर 18 व 19 फरवरी को भातपूजा नहीं होगी। सामान्य दर्शनार्थी दोनों दिन गर्भगृह से भगवान मंगलनाथ के दर्शन व जलाभिषेक कर सकेंगे।

मंदिर प्रशासक कृष्ण कुमार पाठक ने बताया कि ज्योतिर्लिंग महाकाल की तरह मंगलनाथ मंदिर में भी महाशिवरात्रि पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार भी 18 फरवरी से दो दिवसीय उत्सव मनाया जाएगा। महोत्सव के लिए मंदिर में रंगाई-पुताई व साज- सज्जा का काम जारी है।

मंदिर में आकर्षक विद्युत सज्जा होगी। महापर्व पर अधिक से अधिक भक्त भगवान का जलाभिषेक कर दर्शन कर सके, इसके लिए दो दिन भातपूजा बंद रखने का निर्णय लिया गया है। महाशिवरात्रि पर महानिषाकाल में रात्रि पर्यंत भगवान का फलों के रस से अभिषेक-पूजन किया जाएगा। 19 फरवरी को सुबह पांच बजे भगवान का विशेष सेहरा शृंगार होगा। दिनभर सामान्य दर्शनार्थियों को गर्भगृह से भगवान के दर्शन होंगे।

20 फरवरी से शुरू होगा भातपूजा का क्रम

शिवरात्रि महापर्व संपन्न होने के बाद मंदिर में 20 फरवरी से भातपूजा का क्रम शुरू होगा। भक्त सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक नित्य नियमानुसार भातपूजा कर सकेंगे। बता दें कि विवाह आदि मांगलिक कार्य में अवरोध उत्पन्न होने पर मंगलनाथ मंदिर में भातपूजा कराने का विधान है।

संवरने लगा महाकाल मंदिर का कोटितीर्थ कुंड

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 10 फरवरी से शिवनवरात्र की शुरुआत होगी। भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे और नौ दिन नव शृंगार में भक्तों का मन मोहेंगे। महापर्व शुरू होने में मात्र तीन दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में मंदिर में शिवरात्रि की तैयारियों में गति दिखाई दे रही है। सोमवार से कोटितीर्थ कुंड को संवारने का काम शुरू हो गया है। कुंड को खाली कर साफ सफाई की जा रही है। इसके बाद रंगरोगन किया जाएगा।

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