ब्रम्हलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी को कांग्रेसी कहने पर मौन रहने वाले करेंगे अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी का स्वागत

-राम कथा में स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा था जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी को कांग्रेसी
-ब्राम्हण समाज ने साधी थी चुप्पी, अब स्वागत में ले रहे बढ़चढ़ कर हिस्सा
राष्ट्र चंडिका न्यूज़, सिवनी । आज जगत गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज का सिवनी नगर में प्रथम अगम हैं। जिसके चलते पूरे शहर में उनके स्वागत में बैनर, पोस्टरों से शहर पटा पड़ा है । इस कतार में ब्राम्हण समाज के वह सामाजिक नेता भी पीछे नही है जो ब्रम्हलीन जगत गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज को अपना गुरु बताने से नही चूकते।
चुकी स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज,ब्रम्हलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के शिष्य है और उनके उत्तराधिकारी होने के नाते उन्हें जगत गुरु की उपाधि प्राप्त हुई है। अब ऐसे में क्या वह अपने गुरु के अपमान में मौन रहने वाले को आईना दिखाएंगे? यह सवाल उन लोगो के मन मे उठ रहा है ।

 

 

 

बता दें कि विगत महीने सिवनी में हुई राम कथा में स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा ब्रम्हलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज को कांग्रेसी कहा गया था जिसमे बाद उनके इस वक्तव्य का कई लोगो ने विरोध किया था। लेकिन इस पूरे मामले में ब्राम्हण समाज ने रहस्मयी चुप्पी साधी थी जिसके बाद यह सवाल उठ रहे थे कि देश समाज का गौरव बढ़ाने वाले स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के खिलाफ अनर्गल वक्तव्य देने वाले स्वामी रामभद्राचार्य के खिलाफ आखिर ब्राह्मण समाज मौन क्यूं?
चूंकि आज उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज के स्वागत में उनके गुरु के अपमान में मौन रहने वाले लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं तो क्या स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज इन लोगो को मंच से आईना दिखाएंगे? या वह भी सिवनी में हुए अपने गुरू के अपमान को बिसराते हुए स्वस्गत सत्कार में सब भूल जाएंगे।
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