मंत्रीमंडल विस्तार में विधायक की संभावना कम

नरेश-सुजीत को मिल सकता है बड़ा दायित्व
राष्ट्रचंडिका, सिवनी। भारतीय जनता पार्टी सिवनी में इन दिनों शीतयुद्ध जारी है सूत्रों का कहना है कि भाजपा में विधायक और सांसद के बीच नूराकुश्ती का खेल जारी है विधायक दिनेश राय, सांसद ढालसिंह बिसेन को नीचा दिखाने के लिए मौका नही छोड़ रहा है ऐसी बात की शिकायत हाई कमान तक पहुंच गई है और इसका परिणाम है कि इस बार मंत्रीमंडल के विस्तार में पुन: विधायक दिनेश राय को हासिए पर खड़ा कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि विधायक दिनेश राय भाजपा की रीढ़ की हड्डी कही जाने वाली आरएसएस के कार्यक्रमों से हमेशा दूरी बनाते रहे है वही उन्हें आदिवासी मतदाताओं को अपने पक्ष में होने का भ्रम हो गया है जबकि सूत्र बताते है कि जिला पंचायत चुनाव के दौरान आदिवासियों का जो घटनाक्रम सामने आया था उसके बाद आदिवासी, कुर्मी, बागरी समाज विधायक से नाराज है हाल ही में राजधानी के सूत्रों का कहना है कि जिले के पूर्व जिलाध्यक्ष नरेश दिवाकर एवं सुजीत जैन को हाईकमान कोई बड़ा दायित्व देने जा रहा है जहा तक माने तो नरेश दिवाकर को निगम या मंडल का संयोजक बनाया जा सकता है और इसका समर्थन जिलाध्यक्ष आलोक दुबे भी कर सकते है।
सूत्रों का कहना है कि नरेश दिवाकर विधायक का चुनाव हारने के बाद निरंतर पार्टी में निर्विरोध समर्थित रहे है और हाईकमान के आदेशों का पालन करते रहे है और इसी तरह पूर्व जिलाध्यक्ष सुजीत जैन को लंबे समय से पार्टी ने बैतूल का पर्यवेक्षक बनाकर बैतूल में पार्टी को मजबूत किया है और आरएसएस के बीच भी उनकी छवि संतोषजनक है जिसका प्रतिशत उन्हें मिल सकता है।
विधायक दिनेश राय के समर्थकों को उम्मीद थी कि उन्हें इस बार मंत्रीमंडल में शामिल करने से सिवनी को महत्व मिलेगा लेकिन ऐसा न हो सका अब देखना यह है कि दिनेश राय कौन सा चमत्कार करते है और राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करते है।
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