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बिहार

हाथियों की वजह से इस गांव में कोई नहीं ब्याहना चाहता अपनी बेटी

लातेहार के चंदवा प्रखंड में जंगली हाथी अब बैंडबाजा बारात में भी बाधक बन रहे हैं। इस इलाके में जंगली हाथियों का उपद्रव इतना बढ़ गया है कि हाथी प्रभावित गांवों में लोग अपनी बेटियों का विवाह करने से भी हिचकिचाने लगे हैं। ऐसे ही एक हाथी प्रभावित सुदूरवर्ती चकला पंचायत के पडुवा हरिया गांव के लोगों ने बताया कि उनके यहां कोई अपनी लड़की नहीं ब्याहना चाहता। डेढ़-दो साल से हाथियों का ऐसा उपद्रव चल रहा कि कई युवकों की पहले से तय शादी टूट गई है। बेटों के रिश्ते टूटने से परेशान पडुवा गांव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुहार लगाई है कि वे हाथियों से निजात दिलाने में मदद करें।

चंदवा के पहाड़ और जंगल से घिरे गांव लगभग पूरे साल हाथियों के हमले झेलते हैं। हाथी न सिर्फ फसलों को रौंद देते हैं बल्कि घरों में रखा अनाज भी चट कर जाते हैं। गांव के छोटे बच्चों को लोगों ने अपने रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है। शादी नहीं होने से निराश राजेंद्र मुंडा नामक युवक ने बताया कि उसकी शादी तय थी। दिन रखने की तैयारी चल रही थी। तभी गांव में हाथियों का उत्पात शुरू हो गया। इसकी सूचना जब लड़कीवालों को हुई तो उन्होंने शादी करने से इनकार कर दिया। चकला पंचायत और उसके आसपास के गांवों में पिछले 20 दिनों से लगातार हाथी हमले कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हाथी  आधी रात के बाद आ धमकते हैं और घरों को तोड़-फोड़कर फिर जंगल में चले जाते हैं।

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