सोनिया-राहुल बैकफुट पर आए, बेनकाब हुई कांग्रेस… सैम पित्रोदा के बयान पर अमित शाह का पलटवार

लोकसभा चुनाव में संपत्ति पर बयानबाजी के बीच कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अमेरिका के विरासत टैक्स का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका में संपत्ति का 55 फीसदी हिस्सा सरकार लेती है. संपत्ति का समान वितरण भारत में भी होना चाहिए. उनके इस बयान के बाद सियासी माहौल गरमा गया है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेता व केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया है और कहा है कि सैम पित्रोदा के बयान से कांग्रेस पूरी तरह से बेनकाब हो गई है.

अमित शाह ने कहा, इनके (कांग्रेस) घोषणापत्र बनाने में जिसका सबसे बड़ा योगदान रहा वह सैम पित्रोदा है और उन्होंने असलियत बता दी. पहले इनके घोषणापत्र में सर्वे, मनमोहन सिंह का पुराना बयान बयान कि ‘हम देश के संसाधन पर सबसे पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का मानते हैं’ और अब इनके घोषणापत्र बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले सैम पित्रोदा का बयान कि संपत्ति के बंटवारे पर विचार होना चाहिए… अमेरिका का हवाला देते हुए इन्होंने कहा कि 55 फीसदी संपत्ति सरकारी खजाने में जाती है.’

राहुल गांधी, सोनिया बैकफुट पर आए- अमित शाह

उन्होंने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री मोदी ने यह मुद्दा उठाया तो राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है कि उनका यह मकसद नहीं है, लेकिन सैम पित्रोदा के बयान ने इसका मकसद देश के सामने स्पष्ट कर दिया है. वे देश की जनता की निजी संपत्ति का सर्वे कर, निजी संपत्ति को सरकारी खजाने में डालकर, जो उन्होंने UPA के शासनकाल में किया. उन्होंने प्राथमिकता तय की थी कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों और उसमें भी मुसलमानों का है, उस प्रकार से इसका बंटवारा करना चाहती है.’

‘सैम पित्रोदा के बयान को गंभीरता से ले जनता’

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी या तो इस बात से हटाए, या फिर उसे स्वीकार करना चाहिए कि यही उनका मकसद है. देश की जनता से मेरी अपील है कि कांग्रेस की महत्वपूर्ण नीति निर्धारण करने वाली टीम के मुखिया सैम पित्रोदा के बयान को गंभीरता से ले. कांग्रेस के मन में छुपी हुई मंशा क्या है वो आज बाहर आ गई है. इसका संज्ञान देश की जनता को लेना चाहिए और अगर कांग्रेस पार्टी ये नहीं करना चाहती है तो अपने घोषणापत्र से सर्वे की बात को हटाना चाहिए कि हमारी प्राथमिकता अल्पसंख्यक नहीं है, बल्कि गरीब है. यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश के संसाधन पर सबसे पहला अधिकार गरीबों का, दलित का, आदिवासी का और पिछड़े का है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.