BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ कांग्रेस ने क्यों दर्ज कराई शिकायत? जानें क्या है मामला

कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा, आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय और राज्य इकाई प्रमुख बी.वाई.विजयेंद्र के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की गई है. कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने कथित तौर पर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के सदस्यों को डराने-धमकाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया.

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के मीडिया और संचार विभाग के अध्यक्ष रमेश बाबू ने इस मामले को लेकर पत्र में कहा कि कर्नाटक भाजपा के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किए गए एक वीडियो में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के एनिमेटेड पात्रों को दर्शाया गया है.

कथित वीडियो में क्या था

रमेश बाबू ने आगे कहा कि वीडियो में एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को स्पष्ट रूप से आरक्षण की टोकरी में “अंडे” के रूप में चित्रित किया गया है. वीडियो में राहुल गांधी के एक एनिमेटेड चरित्र को आरक्षण टोकरी में मुस्लिम समुदाय का एक और “अंडा” रखते हुए दिखाया गया है. जिसमें फिर तीनों अंडे फूट जाते हैं और मुस्लिम समुदाय का अंडा बड़ा होता है और इसमें कांग्रेस नेताओं को उनके मुस्लिम अंडे के मुंह में अधिक धन डालकर एससी, एसटी और ओबीसी के मुकाबले मुस्लिम समुदाय का पक्ष लेते हुए दिखाया गया है.

कांग्रेस ने लगाया बीजेपी पर आरोप

रमेश बाबू ने कहा, “वीडियो में, ऐसा पेश किया गया है जैसे कि मुस्लिम समुदाय के मुंह में धन डाला जाता है और मुस्लिम समुदाय एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को बाहर निकाल देता है.” उन्होंने आरोप लगाया कि यह चित्रण न केवल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है बल्कि एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत अपराध भी है. कांग्रेस नेता ने चिंता व्यक्त की कि इस तरह की कार्रवाइयों से समुदायों के बीच नफरत भड़क सकती है, खासकर 14 निर्वाचन क्षेत्रों में चल रहे लोकसभा चुनावों के दौरान.

SC-ST को डराने के लिए डाला वीडियो

रमेश बाबू ने आगे कहा “वीडियो एससी/एसटी समुदाय को कांग्रेस को वोट न देने के लिए डराने के अलावा और कुछ नहीं है. यह एससी/एसटी समुदाय के सदस्यों को डराने-धमकाने और एससी/एसटी समुदाय के लोगों को “अंडे” के रूप में दिखाकर उनकी छवि खराब करने का मामला है. उन्होंने वीडियो को मंजूरी देने के लिए राज्य स्तरीय मीडिया निगरानी समिति की भी आलोचना की और इसके प्रसार के खिलाफ कार्रवाई की कमी पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, इस मामले पर उचित कार्रवाई शुरू करना जरूरी है.”

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