राष्ट्र चंडिका न्यूज़ सिवनी, कलेक्टर सिवनी क्षितिज सिंघल के मार्गदर्शन में मंगलवार 02 अप्रैल को वर्ल्ड ऑटिज्म अवॉर्नेस-डे जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र सिवनी में उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण सिवनी श्री वीरेश सिंह बघेल की उपस्थिति में मनाया गया। इस अवसर पर श्री वीरेश सिंह बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि 18 दिसम्बर 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से 02 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम में उपस्थित दिव्यांगजनों के अभिभावकों का स्वागत करते हुये मतदाता जागरूकता अभियान के अंतर्गत 19 अप्रैल (मतदान दिवस) के दिन अपने बहुमूल्य मत का सही उपयोग करने हेतु प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों एवं अभिभावको को ऑटिज्म के लक्षण और कैसे पहचाने तथा इनकी रोकथाम हेतु परामर्श दिया गया। जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र सिवनी में पदस्थ साइकोलॉजिस्ट डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने अभिभावकों को ऑटिज्म के बच्चों की देख-रेख एवं उनकी दैनिक दिनचर्या पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। इसी क्रम में ईयर मोल्ड टेक्नीशियन सोनम विनोदिया ने बताया कि ऑटिज्म बच्चों की स्पीच थेरेपी करने में ये बच्चे सामान्य बच्चों की तरह बोलने लगते हैं। अभिभावक श्रीमती रजनी बरमैया ने अपने अनुभव को साझा करते हुऐ बताया की जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र सिवनी के विषय-विशेषज्ञ के सलाह से मैंने अपने बच्चों की दिनचर्या में सुधार किया आज मेरे दोनों बच्चें स्वयं दैनिक कार्य करते है। इस अवसर पर ऑटिज्म से ग्रसित बच्चें एवं अभिभावक अदविक पिता रूपप्रताप प्रजापति, लक्ष्य माता रितु पाल, अब्दुल पिता अकिल खान, सृष्टि माता राजकुमारी बरमैया, लक्षिता माता वंदना अग्रवाल, विनित पिता शिवप्रसाद सोनवाने एवं अन्य दिव्यांगजन एवं अभिभावक उपस्थित रहे साथ ही जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र सिवनी के प्रशासनिक अधिकारी अशुदीप निकोशे, मोबिलिटी इंस्ट्रेक्टर कौशल प्रसाद सनोडिया, पीएडंओ टेक्नीशियन जयश्री फुलझेले, विशेष शिक्षक शारदा नागेश्वर, वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट रश्मि नाहटा, सहलेखापाल सुनील आवारी, मल्टीपर्पज रिहेव्लिटेशन वर्कर हरिओम चंद्रवंशी एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।