महाशिवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत खास माना जाता है. भगवान शिव को हिंदू धर्म में सभी देवताओं में प्रमुख माना जाता है और महाशिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव को ही समर्पित होता है. महाशिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का दिन है. मान्यता है इस दिन विधि विधान के साथ भगवान शिव का व्रत और पूजन करने से भगवान शिव अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और उनको आशीर्वाद देते हैं.
महाशिवरात्रि व्रत का महत्व जानें
महाशिवरात्रि के व्रत का बहुत महत्व माना जाता है. यह व्रत मनुष्य का कल्याण करने वाला अति कल्याणकारी व्रत है. शास्त्रों के अनुसार जो भी भक्त पूर्ण श्रद्धा के साथ महाशिवरात्रि का व्रत और पूजन करता है उसके सभी प्रकार के दुख और कष्ट दूर होते हैं और साधक की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं, जीवन में सुख शांति वैभव और समृद्धि आती है और अंत समय में मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मान्यताओं के अनुसार, विधि विधान के साथ महाशिवरात्रि का व्रत, पूजन और जलाभिषेक करने पर वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन खुशहाल बनता है.
महाशिवरात्रि का व्रत अविवाहित कन्याएं के लिए विशेष कल्याणकारी माना जाता है. मान्यता है कि जो भी अविवाहित कन्याएं शिवरात्रि पर भगवान शिव का व्रत और पूजन करती हैं उनके विवाह में आ रहीं बाधाएं दूर हो जाती हैं और शीघ्र ही विवाह के संयोग बनते हैं. और अगर विवाहित महिलाएं इस व्रत को करती हैं तो उनको अखंड सौभाग्य, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
पौराणिक कथा के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था. फाल्गुन चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव ने मां पार्वती के साथ विवाह किया था, इसी वजह से हर साल फाल्गुन चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है.
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