इन 5 योगासन से करें दिन की शुरुआत, वजन होगा कंट्रोल और सेहत भी रहेगी फर्स्ट क्लास

बड़ों से लेकर बच्चों तक कोई भी आसानी से ताड़ासन कर सकता है और ये आसान सभी के लिए फायदेमंद है. ताड़ासन करने से शरीर की मांसपेशियों की अच्छी स्ट्रेचिंग होती है और पीठ के दर्द से राहत दिलाने में भी ये आसन कारगर है. ताड़ासन बच्चों की लंबाई बढ़ाने में भी सहायक माना गया है.

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अधोमुखासन भी योग की शुरुआत करने वालों के लिए एक आसान योगा पोज है. इस आसन को करने से पेट के अंग हेल्दी बनते हैं और पाचन क्रिया बेहतर होती है. इसके अलावा ये आसन करने से सिर की ओर रक्त परिसंचरण अच्छा होता है, जिससे स्ट्रेस से राहत मिलती है, ये आसन शरीर में ऑक्सीजन का संचार बढ़ाने में हेल्प फुल है. इससे पैरों, पिंडलियां, पीठ, छाती की स्ट्रेचिंग होती है और दिल को भी फायदा मिलता है.

अधोमुखासन भी योग की शुरुआत करने वालों के लिए एक आसान योगा पोज है. इस आसन को करने से पेट के अंग हेल्दी बनते हैं और पाचन क्रिया बेहतर होती है. इसके अलावा ये आसन करने से सिर की ओर रक्त परिसंचरण अच्छा होता है, जिससे स्ट्रेस से राहत मिलती है, ये आसन शरीर में ऑक्सीजन का संचार बढ़ाने में हेल्प फुल है. इससे पैरों, पिंडलियां, पीठ, छाती की स्ट्रेचिंग होती है और दिल को भी फायदा मिलता है.

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बालासन बेहद आसान योगासन है जो आपके दिमाग को शांत करके स्ट्रेस आदि से छुटकारा दिलाता है और मूड को बेहतर बनाने में हेल्प करता है. ये आसन आपके कूल्हे, जांघ, टखनों की मांसपेशियों की स्ट्रेंथ बढ़ता है. इस आसन को करने से पीठ और गर्दन दर्द से राहत मिलती है जो आज के वक्त में ज्यादातर लोगों की समस्या है. ये आसन आपके दिल की मांसपेशियों का स्ट्रेस भी कम करता है. डायबिटिक लोगों के लिए बालासन काफी फायदेमंद माना गया है.

बालासन बेहद आसान योगासन है जो आपके दिमाग को शांत करके स्ट्रेस आदि से छुटकारा दिलाता है और मूड को बेहतर बनाने में हेल्प करता है. ये आसन आपके कूल्हे, जांघ, टखनों की मांसपेशियों की स्ट्रेंथ बढ़ता है. इस आसन को करने से पीठ और गर्दन दर्द से राहत मिलती है जो आज के वक्त में ज्यादातर लोगों की समस्या है. ये आसन आपके दिल की मांसपेशियों का स्ट्रेस भी कम करता है. डायबिटिक लोगों के लिए बालासन काफी फायदेमंद माना गया है.

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गोमुखासन उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो कंधों, गर्दन और पीठ के दर्द से जूझ रहे हैं. गोमुखासन बॉडी के पोस्चर में भी सुधार करता है, इसलिए सिटिंग जॉब करने वालों के लिए लाभकारी है. इस योगासन अस्थमा, सर्वाइकल के दर्द, साइटिका, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, वेट कंट्रोल आदि में फायदा पहुंचाता है.

गोमुखासन उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो कंधों, गर्दन और पीठ के दर्द से जूझ रहे हैं. गोमुखासन बॉडी के पोस्चर में भी सुधार करता है, इसलिए सिटिंग जॉब करने वालों के लिए लाभकारी है. इस योगासन अस्थमा, सर्वाइकल के दर्द, साइटिका, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, वेट कंट्रोल आदि में फायदा पहुंचाता है.

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योगासन में एक प्राणायाम भी शामिल करना चाहिए. फिलहाल अनुलोम-विलोम करना ज्यादातर लोगों के लिए सुविधाजनक रहता है और इसके कई फायदे भी मिलते हैं. नियमित रूप से अनुलोम-विलोम करने से फेफड़ों को मजबूती मिलती है और आप सांसों से संबंधित समस्याओं से बचे रहते हैं. इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत बनता है. अनुलोम-विलोम आपके मस्तिष्क को शांत करने में भी मदद करता है.

योगासन में एक प्राणायाम भी शामिल करना चाहिए. फिलहाल अनुलोम-विलोम करना ज्यादातर लोगों के लिए सुविधाजनक रहता है और इसके कई फायदे भी मिलते हैं. नियमित रूप से अनुलोम-विलोम करने से फेफड़ों को मजबूती मिलती है और आप सांसों से संबंधित समस्याओं से बचे रहते हैं. इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत बनता है. अनुलोम-विलोम आपके मस्तिष्क को शांत करने में भी मदद करता है.

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