क्रिकेट के महाकुंभ में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों उड़ाई जाएंगी धज्जियां!

भाजपा-कांग्रेस-भू  माफियाओं-पुलिस- और तथाकथित पत्रकारों के गठजोड़ से हो रहा क्रिकेट का महाकुंभ
राष्ट्र चंडिका,सिवनी । सिवनी नगर मे हर साल क्रिकेट के महाकुंभ का आयोजन किया जाता है जिसका विवादो में गहरा नाता रहा है। आयोजन की सबसे खास बात यह है की आयोजन में भाजपा कांग्रेस के साथ कुछ तथा कथित पत्रकारों,पुलिस कर्मियों के साथ ही कई भू माफियाओं का समावेश होता है। जिसमे से एक कांग्रेसी नेता भी है जिसका नाम आदिवासियों की जमीन खरीदने बेचने में चर्चाओं में रहता है।आयोजन शुरू होने से पहले  बड़े बड़े इनाम रखे जाते है जिसमे बड़ा हिस्सा एक जनप्रतिनिधि का होता है और बाकी हिस्से में कुछ भू माफिया अपनी हिस्सेदारी देते है। आयोजन में एक युवक को शासकीय ठेकेदार के नाम से उपकृत करते हुए सारे भू माफिया उसी के नाम से क्रिकेट के महाकुंभ में पैसे देते हैं और फिर पूरे टूर्नामेंट में पहली और दूसरी पंक्ति में बैठकर यह बताने की कोशिश में लगे रहते हैं कि असल में आयोजन भू माफिया का ही है जिसे कांग्रेस भाजपा के कुछ नेताओं के साथ तथा कथित पत्रकार जिनका वास्तविक पत्रकारिता से कोई लेना देना नहीं है व पुलिस कर्मियों का नाम रहता है, जिसके एवज में भू माफिया को इन लोगों का संरक्षण मिल सके। ऐसे भू माफियो में से कुछ लोगो को तो क्रिकेट के महाकुंभ का पदाधिकारी तक बनाया गया है। क्रिकेट के इस महाकुंभ में हर दिन अलग अलग अतिथियों को बुलाया जाता है जिनमे कुछ राजनेतिक दल के लोग,कुछ प्रशासनिक अधिकारी, कुछ पुलिस अधिकारी,कुछ व्यापारी, कुछ पत्रकारों का समावेश रहता है। इनका क्रिकेट के महाकुंभ के आयोजन समिति के लोग स्वागत सत्कार करते है, इनमें वह भू माफिया भी रहते है जिनका कई जगह जमीनों का अवैध कारोबार से रिश्ता रहा है। वही कुछ ऐसे लोग भी सक्रिय  दिखाई देते हैं जो बना हुआ मकान तो खरीदने हैं लेकिन खाली प्लाट की रजिस्ट्री कराकर शासन को लाखों का चूना लगाते हैं।
टूर्नामेंट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जमकर धज्जियां भी उड़ाई जाती है । सुबह से लेकर शाम तक तेज आवाज में कमेंट्री करना और जोर जोर से गाना बजाना आयोजन समिति की पहचान है। तेज ध्वनि से डी जे बजने से आयोजन स्थल के आस पास रहने वाले लोग परेशान रहते हैं कई घरों में वृद्ध और बच्चे रहते हैं जो दिनभर बजने वाले डीजे से बेहद ही परेशान रहते हैं जिससे आयोजन समिति को कभी कोई लेना-देना नहीं रहता। पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन भी आयोजन समिति के द्वारा तेज आवाज से बचाए बजने वाले डीजे को बंद कराने में असमर्थ रहते हैं जिसका सबसे बड़ा कारण आयोजन समिति में भाजपा कांग्रेस के नेताओं के साथ ही कुछ पुलिसकर्मियों का रहना भी बताया जाता है। वर्तमान में प्रदेश सरकार के द्वारा  सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सभी धार्मिक स्थलों से स्पीकर और साउंड निकाले जाने की कार्रवायी की जा रही है। यह कार्रवायी क्रिकेट के महाकुंभ में भी होगी या नहीं इस पर राष्ट्र चंडिका की पैनी नजर होगी। राष्ट्र चंडिका की तो पैनी नजर इस बात पर भी रहेगी कि क्रिकेट के महाकुंभ में प्रथम और द्वितीय पंक्ति में कौन-कौन भू माफिया विराजमान होंगे और कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। हमारी नजर इस बात पर भी रहेगी की आयोजन मैं कौन-कौन लोग मुख्य अतिथि बनकर जा रहे हैं और जिनका स्वागत आदिवासियों की जमीन खरीद फरोख्त  में नाम आने वाले भू माफियाओं के द्वारा किया जा रहा है ताकि आने वाले अंक में हम बता सके कि महाकुंभ में भू माफिया क्या करते हैं।
चौक चौराहों व पान चाय के ठेलों में दबी जुबान में चर्चा यह भी चल रही है.ऐसे महाकुंभ में सट्टेबाजी का खेल भी जोरों पर खेला जाता है।अब इने चर्चाओं में कितनी सच्ची है ये तो चर्चा करने वाले ही जाने !
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