क्या ब्राम्हण समाज नहीं देगा युवाओं को मौका?

-कब तक ढोते रहेंगे कुरीतियों को
-युवा गढ़ सकते हैं नया
-क्या ब्राम्हण समाज नहीं देगा युवाओं को मौका?

राष्ट्र चंडिका न्यूज़,सिवनी। ब्राम्हण सदिया से हर जाति में पूज्यनीय रहे हैं भले ही अलग-अलग समाज में इन्हें अलग-अलग नाम दिया गया हो लेकिन वे प्रतिष्ठा पाते रहे हैं। सिवनी जिले में हिन्दु वर्ग को एकजुट रखने के लिये ब्राम्हण समाज के संगठन का गठन किया गया था और इस संगठन से अपेक्षा थी कि ये समाज को दिशा देने तथा समाज की दशा सुधारने में ब्रम्हास्त्र का काम करेगा लेकिन पद पर बैठे लोगों ने इस पद को अपनी बपौती समझ लिया है और अजगर की तरह कुण्डली मारकर बैठने के बाद हटना ही नहीं चाहते हैं।
काफ़ी लम्बे समय की बात है वैसे तो लंबे समय से जिला ब्राम्हण समाज के प्रवक्ता अनेकों बार समाज के चुनाव को लेकर विज्ञप्तियां जारी करते रहे हैं। ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष पद पर लंबे समय से वृद्धो को ही दायित्व सौंपा जाता रहा है जिसके कारण समाज की गति कछुआ की तरह ही रही है लेकिन अब समय आ गया है कि नये युवाओं में अवधेश (पिंकी) त्रिवेदी, संदीप उपाध्याय,विक्रांत दुबे, बाबा पाण्डे, विशाल तिवारी, दीपक तिवारी, आशीष दुबे, कपिल पांडे ,अखिलेश (चंकी) पांडे ,नवेंदु मिश्रा जैसे युवाओं को दायित्व सौंपा जाये और वृद्धजनों को संरक्षक के रूप में दायित्व सौंपकर उनका मार्ग दर्शन लिया जाये। अब वह समय नहीं रहा जब ब्राम्हणों के आचार विचार से प्रभावित होकर लोग उन्हें चलती फिरती न्यायालय मानकर उनके अक्षरश: वाक्यों को जीवन में अंगीकार करते थे। आज का युवा आने वाले कल का भविष्य है अगर उसे आज समाज द्वारा मौका नहीं दिया गया तो कल हमें पछताना पड़ेगा,हर युवा की इच्छा होती है कि में समाज के लिये कुछ करूं और समय रहते उसे मौका मिलता है तो वह समाज का नया इतिहास भी रच सकता है। समाज पुरानी रूढ़ीवादी विचारधारा को त्याग आने वाले कल और आने वाली पीढिय़ों के कंधे पर समाज का बोझ सौंप उनकी पीठ मजबूत करें तभी यह नारा सार्थक होगा ब्राम्हण सर्वत्र पूज्यंते।
सिवनी ब्राह्मण बंधु सामाजिक समूह की समाज में दबे तौर पर चर्चा चल रही है- मजे की बात तो ये है कि ब्राह्मण समाज का एक ग्रुप भी है जिसमें काफी मह से केवल एडमिन कर दिया गया है.सिवनी ब्राह्मण बंधु नमक इस ग्रुप में लगभग 421 लोग शामिल है किंतु इसमे मात्र 14 लोग ही एडमिन बने हुए हैं और वह भी अपने मन मर्जी के हिसाब से ग्रुप में पोस्ट करते हैं.
सिवनी का ब्राह्मण समाज पंजीकृत संस्था है बताया जाता है तो क्या इनके ‘बायलॉज” में चुनाव कराने की बात का जिक्र शायद नहीं किया गया है.जिसके चलते यह समाज चुनाव ना करवा कर अकड़ बक्कड़ कर कर किसी को भी जो चाहे बना दिया जाता है।
Leave A Reply

Your email address will not be published.