नगर में पिछले कई वर्षों से मूर्ति निर्माण करने का कार्य कर रहे हैं। उनके द्वारा सिर्फ मिट्टी की ही मूर्ति तैयार किया जाता है। श्री ठाकुर का कहना है कि कुछ मूर्तिकारों के द्वारा मूर्ति जल्दी तैयार करने के लिए पीओपी का भी इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटते हैं। लेकिन उनके द्वारा कभी भी पीओपी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा मूर्तियों को रंगने के लिए भी प्राकृतिक रंगों का ही उपयोग करते हैं जिसके कारण उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियां पानी में आसानी से घुल जाती है और पर्यावरण को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है।
पीओपी गणेश प्रतिमाओं का निर्माण
हर साल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए पीओपी गणेश प्रतिमाओं पर रोक लगाई जाती है। सिवनी शहर सहित जिले भर में अनेक स्थानों पर पीओपी मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है पर अब तक प्रशासन द्वारा उनके पास कोई नोटिस नहीं पहुंचा।