तुर्रम खां बन गये कांग्रेस में राजिक

मनमानी के चलते बढ़ रही गुटबाजी
राष्ट्र चंडिका, सिवनी। जबसे जिला कांग्रेस कमेटी में राजिक अकील को महामंत्री का दायित्व सौंपा है तबसे आप तुर्रम खां हो गये है ऐसा समझते है जैसे इन्ही से कांग्रेस चल रही है मीटिंग में किन कार्यकर्ताओं को बुलाना है किनको नही बुलाना है यह सब इन्ही के इशारों पर होता है कहावत है कि बैल गाड़ी के नीचे चलने वाला श्वान अपने आपको को इस बात का एहसास करता है कि बैलगाड़ी का सारा भार उसकी पीठ पर है यही स्थिति महामंत्री के साथ है।
चाहे कांग्रेस कार्यालय में हो या अन्य जगह पत्रकार वार्ता उसमें वह उन्ही को बुलाते है जो उनका गुणगान कर सकें बाकी से उन्हें कोई मतलब नही है इतना ही नही कांग्रेस में मीडिया प्रभारी होने के बाद भी वह उनके दायित्वों को अपने हाथ में लेकर उन्हें शोभा की सुपारी बना रखे है आज हालात यह है कि दायित्व के बिना कार्यकर्ता अपने आपको छला महसूस कर रहे है जिलाध्यक्ष की महिमा मंडित करने के अलावा वह किसी की नही सुनते यही हालात रहे तो इस बार भी कांग्रेस को सत्ता सुख से वंचित होना पड़ सकता है।
 हाल ही में कांग्रेस के यशस्वी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आगमन के दौरान जिस तरह गुटबाजी देखने को मिली इसका कारण भी राजिक अकील को माना जा रहा है एक दावेदार ने तो यह तक कह दिया कि अगर मुझे टिकिट नही मिली तो इस बार मैं कांग्रेस की नही जीतने दूंगा साथ ही वह करूंगा जिससे कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाये बेहतर है कांग्रेस के जिम्मेदार लोग जिन्हें जो दायित्व दिया गया है उन्हें वह कार्य करनें दें।
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