काठमांडू । नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले पूर्व पीएम केपी ओली की पार्टी सहित 3 दलों के समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड सरकार को बचाने के लिए बड़ा कदम उठाने वाले हैं। प्रचंड कैबिनेट में बड़ा बदलाव कर खाली पड़े 16 पदों पर नए मंत्रियों की नियुक्ति होगी। ओली के समर्थन वापस लेने के बाद प्रचंड पहले ही शेर बहादुर देउबा की पार्टी नेपाली कांग्रेस सहित 6 दलों के साथ हाथ मिला चुके हैं। अब प्रचंड की कोशिश है कि इन सभी दलों के बीच सत्ता के बंटवारे को लेकर एक नया समझौता हो। इसके पहले प्रचंड की गठबंधन सरकार में सबसे बड़ी ओली की पार्टी सीपीएन यूएमएल ने कैबिनेट से निकलने का फैसला किया था। साथ ही प्रचंड सरकार को दिए अपने समर्थन को वापस लिया था। इस तरह से राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने भी सरकार से खुद को अलग कर लिया था। कैबिनेट का विस्तार करके प्रचंड अपनी गठबंधन सरकार को बनाकर रखना चाहते हैं, इतना ही नहीं 9 मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन चाहते हैं।
प्रचंड ने नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव में नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र पौडेल को समर्थन देने की घोषणा की है। इसके पहले ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल ने नेपाल में दहल के नेतृत्व वाली सरकार छोड़ने का फैसला किया था। सोमवार सुबह हुई पार्टी की सचिवालय बैठक में समर्थन वापस लेने के बाद सरकार छोड़ने का फैसला किया गया। यह फैसला 9 मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले बदले हुए राजनीतिक समीकरण के मद्देनजर आया है। प्रचंड की ओर से नेपाली कांग्रेस, सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) और जनता समाजवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाने के बाद भी पार्टी का फैसला आगामी राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व में गठित तत्कालीन सत्तारूढ़ गठबंधन को फिर से बनाने के लिए आया है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.