झारखंड में फरवरी माह में ही गर्मी ने दस्तक दे दी है। राज्य में तापमान बढ़ने के साथ ही लोगों को फरवरी में गर्मी का अहसास होने लगा है। जहां अधिकतम तापमान सामान्य से 3-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को कहा कि पारा और बढ़ सकता है। वहीं, बढ़ती गर्मी की वजह से राज्य के शहरी विकास विभाग ने कहा कि पेयजल संकट से निपटने के लिए अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है।
सामान्य से पांच डिग्री ऊपर पहुंचा
पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा में तापमान सामान्य से 5.7 डिग्री सेल्सियस, बोकारो का तापमान सामान्य से 5.3 डिग्री से बढ़कर अधिकतम 33.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राज्य की राजधानी रांची में तापमान सामान्य से तीन डिग्री बढ़कर अधिकतम 31.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहर का न्यूनतम तापमान सामान्य 2.4 डिग्री से बढ़कर अधिकतम 16.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जमशेदपुर और डाल्टनगंज में क्रमश: 34.8 और 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, दोनों सामान्य से लगभग 3 डिग्री अधिक हैं।
तापमान बढ़ने की यह है वजह
देश रांची मौसम विज्ञान केंद्र प्रभारी अभिषेक आनंद ने कहा कि न केवल झारखंड बल्कि देश के कई राज्यों में तापमान सामान्य से अधिक हो रहा है। लंबी शुष्क अवधि, हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ की कमी, राजस्थान और गुजरात से गर्म हवा के प्रवाह ने झारखंड एवं अन्य हिस्सों में पारा बढ़ा दिया है। झारखंड को नवंबर, जनवरी और फरवरी में 100 फीसदी बारिश की कमी का सामना करना पड़ा। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिसंबर में स्थिति 96 फीसदी घाटे के साथ थोड़ी बेहतर थी। उन्होंने कहा कि सर्दियों की कम बारिश ने पहले ही रबी की फसलों को प्रभावित कर दिया है।
अधिकारी किए गए अलर्ट
शहरी विकास सचिव विनय कुमार चौबे ने सभी नगर निकायों को एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना तैयार करने को कहा ताकि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पेयजल की समस्या से परेशानी न हो। नगर निकायों को एक टोल फ्री नंबर जारी करने को कहा गया है, जिसके जरिए लोग पानी संबंधी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं।
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