मतदाता हैं देश के मजबूत लोकतंत्र का आधार, तस्वीरों के माध्यम से देखिए ग्वालियर-चंबल के सशक्त जनतंत्र को
लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में ग्वालियर-चंबल में मतदान हो रहा है। मतदान करने के लिए युवाओं से लेकर बुजुर्ग व दिव्यांगों में खासा उत्साह है। हर जातति, वर्ग के लोग अपने अधिकार का उपयोग करने के लिए बढ़चढ़कर सामने आ रहे हैं। ऐसे में मतदाताओं की ताकत सामने दिखाई देती है। साथ ही देश के मजबूत लोकतंत्र की तस्वीर भी सामने आती है। तस्वीरों से देखिए ग्वालियर चंबल अंचल में मजबूत लोकतंत्र और सशक्त जनतंत्र की तस्वीरें।
हम किसी से कम नहीं, वोट भी देंगे बराबर से: मतदान को लेकर अधिकतर महिलाएं कम ही घर से बाहर निकलती है। लेकिन अंचल में महिलाएं भी इस चुनाव में बाहर निकल रही है। भितरवार क्षेत्र मतदान केंद्र क्रमांक 224 नगर परिषद कार्यालय पर सुबह 6 बजे से ही मतदान करने वाले मतदाताओं में दिखा उत्साह। सुबह से ही पुरुषों के साथ महिलाएं अपने अधिकार का उपयोग करने लंबी लाइन में लगी।
दिव्यांग हैं लेकिन मतदान के उत्साह में कोई कमी नहीं: मतदान को लेकर लोगों में इतना उत्साह है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है ग्वालियर दिक्षण के मतदान केंद्र 223 पर कुबेर सिंह वोट डालने के लिए आए। एक हादसे में उनके पैर कट गए। लेकिन वे अपने बच्चों के साथ जिद करके वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पहुंचे। उनके साथ उनकी बेटी मतदान कराने के लिए आई। इससे साफ है कि कुबेर सिंह अपने देश के लोकतंत्र को और मजबूत बनाना चाहते हैं।
तीन पीढि़यों ने किया एक साथ मतदान: एक साथ एक जगह तीन पीढि़यों को देखना काफी मुश्किल होता है। लेकिन लोकतंत्र का यह पर्व तीन पीढि़यों को भी एक साथ ले आता है। दतिया के मतदान केंद्र पर कस्बे के ही 95 वर्षीय श्रीधर राव अपनी तीन पीढि़यों के साथ वोट डालने के लिए पहुंचे। रावजी स्वयं तो वोट देने के लिए पहुंचे ही, उनके साथ उनका बेटा और नाती भी थे। यह नजारा मतदान के दौरान ही नजर आया।
पर्दे से बाहर निकलकर करेंगे लोकतंत्र को मजबूत: ग्वालियर के अवाड़पुरा क्षेत्र में अल्पसंख्यक वर्ग अधिक है और यहां महिलाएं पर्दें के पीछे ही रहती है। लेकिन मतदान के लिए अवाड़पुरा के मतदान केंद्र 239, 40, 48 पर महिलाएं अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए पर्दे से बाहर निकलकर पहुंचे। उनके जोश से ही लग रहा था कि हमारे देश का लोकतंत्र काफी मजबूत है और लोगों को अपने अधिकार का उपयोग करने की जागरूकता आ रही है।
लोकतंत्र के लिए साथ साथ : चुनाव के दौरान प्रत्याशी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हैं। लेकिन देश के मजबूत लोकतंत्र के लिए जरूरत होती है तो वे साथ साथ आ जाते हैं और साथ में बैठते भी हैं। ऐसा ही कुछ मुरैना लोकसभा क्षेत्र में देखा गया। चुनाव में जब प्रशासन को अशांति होने की आशंका हुई तो उन्होंने बसपा, भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों को बुला लिया और एक ही हॉल में एक साथ बैठा दिया। प्रत्याशियों का कहना था कि लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि मुद्दों पर हमारा टकराव होता है, लेकिन मन से एक रहते हैं।
मतदान के बाद सेल्फी भी: अंचल में मतदान के साथ ही भीषण गर्मी पड़ने लगी। लेकिन मतदाताओं के जोश में किसी तरह की कमी नहीं दिखाई दी। मतदाता पोलिंंग बूथ पर पहुंचकर वोट डालने के बाद प्रशासन द्वारा बनाए गए सेल्फी प्वाईंट पर सेल्फी भी ले रहे हैं। सरकार बनाने की अपनी शक्ति को उंगली पर लगे निशान के माध्यम से दिखा भी रहे हैं। शिवपुरी में एक मतदान केंद्र पर मतदान के बाद एक परिवार ने सेल्फी लेकर बताया कि लोकतंत्र यूं ही मजबूत नहीं है।
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