उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग अभी तक भीषण तबाही मचा चुकी है. सरकार की ओर से इसे बुझाने की हर संभव कोशिश की जा रही है. सोमवार को आग बुझाने के लिए राज्य सरकार ने एनडीआरएफ को मैदान में उतारा है, वहीं इसके लिए वायुसेना की मदद भी ली जा रही है. जंगलों में लगी आग अभी तक 1196 हेक्टेयर जंगलों को खाक कर चुकी है. इस बीच थोड़ी राहत की बात ये है कि पिछले 24 घंटे में सिर्फ 20 नए आगजनी के मामले ही सामने आए हैं. प्रदेश में अब तक 930 आगजनी के मामले सामने आ चुके हैं.
राज्य की धामी सरकार अब जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए कृत्रिम बारिश के लिए भी प्लान तैयार कर रही है. इसके लिए सीएम धामी ने भी हामी भर दी है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कृत्रिम बारिश से जंगलों में लगी आग को बुझाने में कामयाबी मिलने के आसार हैं. इसके लिए राज्य सरकार आईआईटी रुड़की से बात कर रही है.
कृत्रिम बारिश से जुड़े इससे पहले दो प्रयोग महाराष्ट्र और कर्नाटक में किए जा चुके हैं. ये प्रयोग आईआईटी रुड़की ने ही किए थे, इसी वजह से आईआईटी रुड़की ने क्लाउड सीडिंग को लेकर धामी सरकार को एक प्रस्ताव दिया है. उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा है कि आईआईटी रुड़की से प्रस्ताव मिलने के बाद अब जल्द ही उनके साथ बैठक की जाएगी और इस विषय पर एक्सपर्ट्स की सलाह भी ली जाएगी. हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा कि क्लाउड सीडिंग से पहले वह आईएमडी से विस्तृत बात करेंगे.
आग लगाने वालों पर सरकार सख्त
सीएम धामी ने कहा है कि जंगलों में आग लगाने वालों पर सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी. इस दौरान उनके ऊपर वन अधिनियम के तहत केस दर्ज तो किया ही जाएगा साथ ही उन पर गैंगस्टर एक्ट भी लगाया जाएगा. वहीं आगजनी से होने वाले नुकसान की भरपाई भी गुनहगारों की संपत्ति को कुर्क करके की जाएगी. जंगल में आग की वजह से अब तक 5 लोगों की मौत बताई जा रही है.
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