देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू हो गया है. मोदी सरकार ने सोमवार को नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी. नागरिकता संशोधन कानून के तहत 2014 से पहले भारत में आए गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलेगी. CAA के तहत जिन देशों के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता मिलेगी, उनमें बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान शामिल हैं.
गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों में हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोग शामिल हैं. लेकिन मुस्लिमों को इससे बाहर रखा गया है. दरअसल, ये वो लोग हैं, जिन्हें पड़ोसी मुल्कों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा था. इसमें एक बात को साफ है कि धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए उन्हीं गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलेगी, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में रहने की शरण मांगी थी. इसके अलावा और भी कई नियम कायदे हैं. आइए इस खबर में उन्हीं नियम कायदे को समझने की कोशिश करते हैं.
- सीएए कानून के नियमों के तहत भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करने से पहले भारत में एक साल तक लगातार रहना अनिवार्य है. मतलब आवेदन करने की तारीख से पहले देश में कम से कम 12 महीने तक रहना अनिवार्य है. इसके बाद ही वे आवेदन कर सकते हैं.
- नियमों में ये भी कहा गया है कि भारत की नागरिकता उन्हें ही मिलेगी, अनिवार्य 12 महीने से पहले देश में छह साल बिताया हो. इसके बाद वो भारतीय नागरिकता के लिए अप्लाई कर पाएंगे.
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- इसके अलावा, भारत की नागरिकता पाने वाले लोगों को यह बताना होगा कि वह अपनी वर्तमान नागरिकता को छोड़ रहे हैं और वे भारत में बसना चाहते हैं. इसके लिए आवेदकों को घोषणापत्र भी देना होगा. यह इसलिए ताकि वह भविष्य में कोई दावा नहीं कर सके.
- नियमों में ये भी कहा गया है कि भारत की नागरिकता लेने वाले लोगों को ईमानदारी से भारत के कानूनों का पालन करना होगा. उन्हें भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखने की शपथ लेनी होगी.
- भारत की नागरिकता लेने वाले लोगों को संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज भाषाओं में से एक का पर्याप्त ज्ञान हो. नियमों में ये भी कहा गया है कि सभी आवेदकों के पास वैध दस्तावेज हों.
कौन-कौन से डॉक्यूमेंट दिखाने होंगे?
भारत की नागरिकता पाने के लिए गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को पहले तो ये साबित करना होगा कि वे पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान के नागरिक हैं. इसके लिए उन्हें वहां के पासपोर्ट, बर्थ सर्टिफिकेट, एजुकेशन सर्टिफिकेट, लाइसेंस या जमीन के दस्तावेज समेत सभी सरकारी प्रणाण पत्र दिखाना होगा.
क्या है CAA?
नागरिकता संसोधन कानून (CAA) पड़ोसी देशों यानी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता का अधिकार देने का कानून है. ये वे गैर मुस्लिम हैं जो इन तीनों ही देशों में अल्पसंख्यक हैं और धर्म के नाम पर प्रताड़ित होते रहे हैं. कई साल पहले ये वैध दस्तावेजों के साथ भारत तो आ गए लेकिन इन्हें नागरिकता का अधिकार नहीं मिल सका.
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