सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को तगड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने बंगाल सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है, जिसमें संदेशखाली मामले की सीबीआई जांच पर रोक लगाने की मांग की गई थी. पिछले दिनों कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इसके बाद ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार की याचिका पर टिप्पणी करते हुए पूछा कि संदेशखाली मामले के मुख्य आरोपी शाहजंहा शेख को पुलिस इतने दिनों तक गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई? इसके जवाब में बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील ने जवाब दिया कि पुलिस ने मामले में पहले ही सात लोगों की गिरफ्तारी की थी, केवल एक गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. बंगाल सरकार की इस दलील पर जस्टिस मेहता ने कहा कि राज्य पुलिस को आरोपपत्र दाखिल करने में कितना समय लगता है.
ईडी की दलील- मामले में पुलिस की भूमिका बहुत खराब रही
वहीं, ईडी की ओर से पेश वकील एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मामले के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख ने उसके अधिकारियों के खिलाफ एक एफआईआर भी दर्ज कराई है. ईडी ने इस मामले में बंगाल पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस पूरी घटना में पुलिस की भूमिका बहुत खराब रही थी. यहां तक की मुख्य आरोपी को सीबीआई को सौंपने में भी बड़ी हीला-हवाली की गई.
55 दिनों बाद गिरफ्तार हुआ था मुख्य आरोपी
संदेशखाली में ईडी अधिकारियों की पिटाई की घटना के बाद मामले का मुख्य आरोपी शाहजहां शेख काफी दिनों तक फरार था. करीब 55 दिनों की फरारी काटने के बाद बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को शाहजहां शेख को गिरफ्तार किया. शाहजहां शेख इन 55 दिनों तक कहां रहा किसी को नहीं पता. शुरू में ममता सरकार ने मामले की जांच के लिए सीआईडी को सौंपी थी. हालांकि, ईडी ने इसका विरोध करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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