देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव को लेकर इन दिनों कई गलत जानकारियां और डीपफेक जैसे स्कैम्स को देखते हुए गूगल ने एक प्लान बनाया है. गूगल ‘डीपफेक’ समेत ऑनलाइन वायरल होने वाली गलत इंफॉर्मेशन का तुरंत पता लगाने के लिए भारत में फैक्ट चेकिंग के लिए फैक्ट चेक टीम और प्रोफेशनल्स के साथ काम करेगा. गूगल इसके लिए इंफॉर्मेशन और नॉलेज का एक कॉमन कोष (स्टोर) बनाएगा, जिसका इस्तेमाल न्यूज पब्लिशर इलेक्शन कैंपेन के दौरान कर सकते हैं.
गूगल कसेगा शिकंजा
गूगल के मुताबिक, गलत इंफॉर्मेशन की समस्या से निपटने के लिए न्यूज इकोसिस्टम को सही बनाने की अपनी कमेटमेंट के जरिए वो भारत में न्यूज पब्लिशर और फैक्ट चेकर्स के एक ग्रूप ‘शक्ति’- इंडिया इलेक्शन फैक्ट-चेकिंग कलेक्टिव का सपोर्ट करेगा. ये ग्रुप डीपफेक के साथ ऑनलाइन फैलने वाली गलत इंफॉर्मेशन का जल्दी पता लगाने में अलग -अलग ऑर्गेनाइजेशन की मदद करने के लिए मिलकर काम कर रहा है.
गलत इंफॉर्मेशन और डीपफेक बनाने वालों की आई शामत
गूगल के मुताबिक, आज से लेकर, देश में आम चुनाव खत्म होने तक ये प्लानिंग इंडिपेंडेंट फैक्ट चेकर्स और भारतीय भाषा पब्लिशर्स को जोड़ने पर फोकस करेगी, जिससे उन्हें चुनाव से संबंधित वायरल गलत इंफॉर्मेशन और डीपफेक पर फैक्ट-चेक, रिसर्च रिसोर्स और अलर्ट शेयर करने के लिए एक सपोर्टिव प्लेटफॉर्म मिलेगा.
वीडियो के साथ कई मल्टीपल लैंग्वेज और फॉरमेट में फैक्ट-चेक को उसके पार्टनर न्यूज पब्लिशर के जरिए शेयर किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वे देशभर में लैंग्वेज यूजर्स और ऑडियंस तक पहुंच सके.
गूगल इंफॉर्मेशन का एक कॉमन ग्रुप
फैक्ट चेकर्स और प्रोफेशनल्स के साथ काम करते हुए गूगल इंफॉर्मेशन का एक कॉमन ग्रुप बनाया जाएगा, जिसका इस्तेमाल न्यूज पब्लिशर बड़े लेवल पर गलत जानकारी की चुनौतियों से निपटने के लिए कर सकते हैं.
गूगल के इस फैसले से गलत इंफॉर्मेशन और डीपफेक जैसे स्कैम पर रोक लग सकेगी. जिससे सभी को फायदा होगा.
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