अंबानी घराने के छोटे राजकुमार अनंत अंबानी ने हाल में ‘वनतारा’ प्रोजेक्ट शुरू करने का ऐलान किया है. ये प्रोजेक्ट रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन मिलकर डेवलप कर रहे हैं, जो दुनियाभर के सताए हुए जानवरों का आशियाना बनेगा. ये भारत में अपनी तरह का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जहां जानवरों की देखभाल होगी, उनका इलाज होगा. साथ ही उनके रहवास का भी यहां इंतजाम होगा.
‘वनतारा’ प्रोजेक्ट अनंत का सपना
रिलायंस ग्रुप का ‘वनतारा’ प्रोजेक्ट असल में अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. वह रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हैं. ये दुनिया का सबसे बड़ा एनिमल रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर होगा. यहां दुनियाभर में घायल या चोटिल होने वाले जानवरों को लाया जाएगा. उनकी यहां देखभाल होगी, उनका इलाज किया जाएगा, उन्हें मौत के मुंह से बाहर निकाला जाएगा और उनके पुनर्वास का इंतजाम किया जाएगा.
जल-जंगल-जमीन की रक्षा करेगा ‘वनतारा’
‘वनतारा’ प्रोजेक्ट की एक अच्छी बात ये भी है कि ये पर्यावरण की दृष्टि से ‘जल-जंगल-जमीन’ का रक्षक होगा. इस एनिमल शेल्टर को जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के पास 3000 एकड़ में फैले ग्रीन बेल्ट में डेवलप किया गया है. यहां जानवरों को जंगल की तरह माहौल मिलेगा. इसलिए यहां हरी-भरी जमीन के साथ-साथ नेचुरल वॉटर बॉडीज का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. अभी इस सेंटर पर करीब 2,000 रेस्क्यू किए गए जानवर मौजूद हैं.
बचपन में जब अनंत बने ‘हाथी के साथी’
अनंत अंबानी ने इस बारे में एक टीवी चैनल का दिए इंटरव्यू में बताया कि जब वो 12 साल के थे, तब जयपुर से रणथंबौर जाते वक्त उन्होंने रास्ते में एक छोटे हाथी को देखा था. वह काफी बुरी हालत में था, तब उन्होंने अपनी मां नीता अंबानी से उसे बचाने के लिए कहा. हम उस हाथी को अपने साथ ले आए और आज करीब एक दशक से भी ज्यादा समय के बाद हम ‘वनतारा’ प्रोजेक्ट को शुरू कर पाए हैं. तब हमें हाथी की देखभाल के बारे में कुछ नहीं पता था, आज हमारे पास हाथियों की देखभाल के लिए 300-400 प्रोफेशल्स की टीम है.
रिलायंस ग्रुप का कहना है कि आज ‘वनतारा’ में 200 से ज्यादा हाथी हैं, 300 के करीब बड़ी बिल्लियां जैसे तेंदुआ, बाघ, शेर और जगुआर हैं. यहां मगरमच्छ, सांप और कछुआ समेत करीब 1200 सरीसृप (रेपटाइल्स) भी हैं.
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