कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि यदि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) सत्ता में आता है तो उनकी पार्टी देश में किसानों की लंबे समय से लंबित मांगों को स्वीकार करेगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करेगी। गांधी अपनी ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा” के तहत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के साथ रोहतास जिले के चेनारी थाना क्षेत्र के टेकारी में आयोजित ‘किसान न्याय महापंचायत’ में पहुंचे और उन्होंने खाट पर बैठकर किसानों की समस्याओं पर चर्चा की।
एमएसपी को कानूनी गारंटी देगी कांग्रेस
राहुल गांधी ने किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए दावा किया, ‘‘किसानों को उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिल रहा है।” उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता में आने के बाद कांग्रेस एमएसपी को कानूनी गारंटी देगी। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी किसानों ने कांग्रेस से कुछ मांगा हैं, उन्हें दिया गया है। चाहे कर्ज माफी हो या एमएसपी, कांग्रेस ने हमेशा किसानों के हितों की रक्षा की है और हमेशा ऐसा करती करेगी।” गांधी का बयान ऐसे समय में आया है जब संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भाजपा नीत केन्द्र सरकार पर फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित किसानों की विभिन्न मांगों को मानने का दबाव बनाने के वास्ते शुक्रवार को ‘भारत बंद’ आहन किया है।
केंद्र सरकार को घेरा
राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा उद्योगपति गौतम अडाणी की जेब में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आपको एक बात बतानी है कि वर्तमान में केंद्र का रक्षा बजट ‘‘जवानों” के कल्याण के लिए नहीं है। सभी रक्षा ठेके केवल अडाणी समूह को जा रहे हैं। वास्तव में केंद्र सरकार रक्षा बजट के धन का एक बड़ा हिस्सा उद्योगपति गौतम अडाणी की जेब में डाल रही है।” गांधी ने कहा, ‘‘केंद्र ने सेनाओं के लिए जो कुछ भी खरीदा… हेलीकॉप्टर, सैन्य विमान, तोपें, कारतूस, राइफल और सभी आधुनिक हथियार, अडाणी समूह के स्वामित्व वाली कंपनी से ही खरीदा। आपको हर जगह (सभी रक्षा अनुबंधों में) अडाणी समूह का नाम मिलेगा।”
अग्निवीर योजना को लेकर खड़े किए सवाल
राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा और कहा, ‘‘केंद्र ने सेना में दो श्रेणियां बनाई हैं। एक अग्निवीर और एक अन्य। यदि कोई अग्निवीर घायल हो जाए या शहीद हो जाए तो उसे न तो शहीद का दर्जा मिलेगा और न ही आवश्यक मुआवजा…. यह भेदभाव क्यों। उन्होंने सेना में दो श्रेणियां क्यों बनाई हैं?” उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको एक उदाहरण दे रहा हूं। मान लीजिए कि चार युवाओं को अग्निवीर के रूप में चुना गया है। चार साल के बाद चार में से तीन युवाओं को घर वापस भेज दिया जाएगा और उनमें से केवल एक को आगे रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, बाकी तीन लोग क्या करेंगे… क्या वे पकौड़े बेचेंगे?”
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.