इंदौर। मादक पदार्थों की सप्लाई रोकने के लिए इंदौर पुलिस ने नई पहल की है। थानों की तर्ज पर अब नेताओं को भी ड्रग पैडलर का रिकार्ड सौंपा जा रहा है। मतदाताओं की तरह पैडलर का एलबम पार्षद-विधायकों के पास रहेगा, ताकि पूरे समाज को उनकी करतूत की जानकारी हो। प्रथम दौर में पुलिस ने 500 पैडलर की सूची बनाई है। इसमें 56 पैडलर ऐसे हैं जो इंदौर में रहते हैं, लेकिन उनकी उनकी गिरफ्तारी अन्य शहरों में हुई है।
पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर के मुताबिक, एक तस्कर कईं घरों को बर्बाद करता है। प्रकरण दर्ज होने के बाद भी वह मादक पदार्थों की खरीद-फरोख्त तो करता है, लेकिन बचने के तरीके निकाल लेता है। ऐसे में पुलिस सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से नजर रखने पर जोर दे रही है।
लाड़ली बहना सेना और नगर सुरक्षा समिति भी रखेगी नजर
सीपी के मुताबिक, हमने तय किया कि पैडलर का एक एलबम बनाया जाए जिसमें उसका संपूर्ण रिकार्ड दर्ज हो। उस एलबम में पैडलर का फोटो, उस पर दर्ज केसों की जानकारी के साथ साथी-खरीदार, जमानतदारों का भी लेखा-जोखा होगा। पुलिस उसके कारनामों के संबंध में लाड़ली बहना सेना, नगर सुरक्षा समिति को अवगत कराएगी और नजर रखने के लिए कहेगी। इसके बाद एलबम क्षेत्र के पार्षद और विधायकों से साझा किया जाएगा।
जानकारी होने पर हर वक्त रहेंगे नजर में
पुलिस आयुक्त के अनुसार, पैडलर की गिरफ्तारी के लिए उसके पास मादक पदार्थ होना आवश्यक है। मौके पर चरस, अफीम, ब्राउन शुगर, गांजा न होने के कारण पुलिसकर्मियों को छोड़ना पड़ता है। समाज के जिम्मेदार नागरिकों के पास उसकी जानकारी होने से वह हर वक्त नजरों में रहेगा।
नारकोटिक्स विभाग से मिला तस्करों का रिकार्ड
पुलिस आयुक्त ने हाल में 500 पैडलर का रिकार्ड एकत्र करवाया। 220 पैडलर पुलिस को घरों पर मिल गए। सभी की थाना में परेड करवाई गई। पुलिस आयुक्त के मुताबिक, आरोपितों में 56 आरोपित ऐसे निकले जो मादक पदार्थों की खरीद-फरोख्त में लिप्त हैं, मगर उन पर शहर में केस नहीं थे। पुलिस ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से जानकारी मांगी तो 56 तस्कर ऐसे थे जिन पर रतलाम, नीमच, मंदसौर, हैदराबाद, मुंबई सहित अन्य शहरों में केस दर्ज हैं।
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