सट्टा खिलाने का यह कारोबार जिले में धड़ल्ले से चल रहा है। सट्टे के कारोबार से जुड़े लोग मोबाइल और इंटरनेट का सहारा लेने लगे हैं। सट्टा बाजार में आई इस नई तकनीक के माध्यम से इससे जुड़े लोग अब लाखों रुपए की गेम का आदान-प्रदान इंटरनेट के जरिए ही करने लगे हैं। यह भी माना जाता है कि क्रिकेट की हर बॉल पर सट्टा लगता है। यह अवैध कारोबार जिले में तेजी से फैला है। इसके साथ ही इसमें हानि के कारण अनेक परिवार बर्बाद हो गए हैं, तो काफी अपने मकान तथा जायदाद को बेचकर पलायन कर गए हैं।
क्रिकेट का महाकुंभ IPL 2023इंडियन प्रीमियर लीग 2023 यानी आईपीएल 31 मार्च से शुरू हो गया है आईपीएल 2023 लीग शुरू होने से पहले ही सटोरिए सक्रिय हो गए थे हर मैच में करोड़ों रुपए लगाने की तैयारी हैं। हर गेंद पर सट्टा लगेगा। इससे शहर का सट्टा बाजार भी गर्म हो गया है मुखबिरों से सूचना मिलते ही पुलिस ने भी सटोरियों पर शिकंजा कसने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर रखी है । आइपीएल का रोमांच क्रिकेट प्रेमियों के सिर चढ़कर बोलता है। जहां क्रिकेट प्रेमियों ने आईपीएल मैचों के देखने के लिए तैयारी पूरी लगी है। वहीं सट्टेबाजों ने भी अपनी दुकान सजा ली हैं। सूत्रों के अनुसार वाट्सएप ग्रुपों को तैयार कर लिया गया । । पिछले एक दशक से अधिक समय से शहर में यह धंधा फलफूल रहा है। सट्टे में अपना सबकुछ हारकर कई लोग मौत को भी गले लगा चुके हैं।
जबलपुर के सट्टेबाज धूमा लखनादौन से कर रहे अपना कारोबार
राष्ट्र चंडिका के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि जबलपुर के कुछ सट्टेबाज धूमा और लखनादौन मैं आकर आईपीएल मैच का सट्टा कारोबार का संचालन कर रहे हैं.
शहर में आईपीएल सट्टा कारोबार चरम पर है। भले ही पुलिस-प्रशासन हर बार की तरह यह कहे कि उसके पास सूचना नहीं, लेकिन यह बात सौ आना सच है कि जानते सभी हैं, लेकिन उजागर नहीं होने देते। हर मैच पर लगने वाले करोड़ों के दाव में बंधी रकम कुछ खास लोगों तक पहुंचती है, जो कार्रवाई के लिए जिम्मेदार अफसरों को रोके रखते हैं। चंद नोटों के लिए इस कारोबार पर कभी अंकुश नहीं लग सका। इसका नतीजा लोगों की बर्बादी के रूप में सामने आ रहा है। जिस तरह क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले दिन ब दिन बढ़ रहे हैं, उसी तादाद में क्रिकेट पर सट्टा लगाकर रातों रात लखपति बनने का ख्वाब भी कई युवाओं ने पाल रखा है। सट्टे के इस भंवर में पनपने वालों से बर्बादी की कगार पर आने वालों की संख्या चौगुनी हो चुकी है। फिर भी कोई सबक लेने को तैयार नहीं।
जिले में क्रिकेट मैच का सट्टा करीब एक दशक से अधिक समय से चल रहा है। शुरू में इस अवैध धंधे से कम ही लोग जुड़े थे, लेकिन अब सट्टा लगाने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। धंधे में महारत हासिल करने वाले बुकी अपने गुर्गों के माध्यम से युवाओं को अपने सट्टा की दुनिया से जोड़ रहे हैं। बड़ी संख्या में जिले के युवा सट्टे की इस दलदल में फंसते जा रहे हैं। मैच की प्रत्येक ओवर की हर बाल पर रेट के हिसाब से सट्टा लगाया जाता है।
आईपीएल सट्टे में जितना पैसा लगता है उसका हिसाब शहर के सभी बुकी दिन निकलने से पहले कर लेते हैं। सट्टे में लगने वाली रकम का दूसरे शहरों के बुकी से हवाला के जरिए लेन-देन होता है। एक ओर जहां सट्टा बढ़ा, वहीं दूसरी ओर हवाला का काम करने वालों के भी दिन फिर गए हैं। ऐसे लोग भी पुलिस से सांठ-गांठ बनाकर धंधा कर रहे हैं, ताकि कोई आंच न आए। आईपीएल सट्टे की जानकारी रखने वाले एक व्यापारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि हारने के बाद कई ने तो अपनी संपत्ति तक गिरवी रख दी है।
इसके बावजूद अधिक कर्ज होने पर बाद में या तो मध्यस्तता करने वाला किसी तरह बुकी से समझौता कराता है या फिर रकम अदा करता है। सट्टा लगाने वालों में स्कूल-कॉलेज के छात्र और युवा व्यापारी अधिकांश हैं। इनके पास आय के समुचित स्त्रोत होने की वजह से दांव हारने पर ये गलत रास्ता अपना रहे हैं। कुछ अपने ही घर में चोरी करने से नहीं चूक रहे, तो कुछ झूठ बोलकर परिजनों से रकम ले रहे हैं। शहर के कुछ बुकी ऐसे हैं जो तीन साल में करोड़ों के आसामी बन गए।
जिले में क्रिकेट मैच का सट्टा करीब एक दशक से अधिक समय से चल रहा है। शुरू में इस अवैध धंधे से कम ही लोग जुड़े थे, लेकिन अब सट्टा लगाने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। धंधे में महारत हासिल करने वाले बुकी अपने गुर्गों के माध्यम से युवाओं को अपने सट्टा की दुनिया से जोड़ रहे हैं। बड़ी संख्या में जिले के युवा सट्टे की इस दलदल में फंसते जा रहे हैं। मैच की प्रत्येक ओवर की हर बाल पर रेट के हिसाब से सट्टा लगाया जाता है।