राष्ट्र चंडिका, अखिलेश दुबे/सोशल मीडिया पर परोसी जा रही अश्लीलता नशे से भी ज्यादा घातक
,युवकों व मासूम कोमल बच्चों पर पढ़ रहा प्रभाव
सोशल मीडिया पर बच्चों को कुछ ऐसा दिख जाता जिसकी छाप उसके दिमाग पर लंबे समय तक रह जाती..!
अश्लील वीडियो और सामग्री को सोशल मीडिया पर करना चाहिए प्रतिबंधित..!
माता पिता को भी समझनी होगी अपनी जिम्मेदारी,देना होगा बच्चो पर पूरा ध्यान..!
बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया के सकारात्मक और खतरनाक प्रभाव बड़ी तेजी के साथ फेल रहें हैं और सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल ने हर किसी को सोशल मीडिया का मुरीद बना दिया है आजकल हर उम्र के लोगों के साथ साथ सोशल मीडिया का मासूम कोमल बच्चों पर प्रभाव भी देखा जा रहा है! अलग अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की वजह से बच्चों पर नजर रखना मां-बाप के लिए बड़ी मुसीबत बन चुका है!मासूम कोमल बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं व दुनिया और समाज की सच्चाई से पूरी तरह परिचित नहीं होते और किसी के बहकावे में आ सकते हैं! उन्हें उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है! इसलिए माता पिता को चाहिए कि व अपने बच्चों पर पूरी निगरानी और जरूरत भर नियंत्रण रखें! साथ ही बच्चों को अच्छी शिक्षा और संदर्भों से परिचित करा कर यह समझाने का प्रयत्न करना होगा कि इंटरनेट पर परोसी गई अश्लीलता नशे से भी ज्यादा घातक है!बच्चों के मन में अच्छे-बुरे की समझ विकसित करनी होगी।वर्तमान में सोशल मीडिया का चलन तेजी से बढ़ा है!फेसबुक इंस्टाग्राम पर दोस्त बनाने की होड़ सी मची रहती है इस दौरान कई बार गलत व्यक्ति भी मित्र सूची में शामिल हो जाते हैं जो परेशानी का कारण बन जाते हैं! बच्चों को समझना होगा कि व सोशल मीडिया पर गलत लोगों को मित्र न बनाएं!अगर कोई फेसबुक या वाट्सऐप पर उन्हें असहज करने वाली टिप्पणी करता है तो उसे तत्काल अपनी सूची से हटा देना चाहिए और इसकी जानकारी माता पिता को और हेल्पलाइन नंबर पर देना चाहिए! विद्यालयों में और अन्य मंचों के माध्यम से बाल यौन शोषण व अपराध के प्रति बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में संवेदनशील तरीके से जानकारी देनी चाहिए अक्सर देखने में आता है की बच्चों को बच्चों का यौन शोषण करने वाला अपराधी उसके अपने ही परिवार का सदस्य है या कोई नजदीकी होता है!ऐसे में अगर बच्चा अपने माता पिता या किसी बड़े से इसकी कोई शिकायत करता है तो उसकी बात पर विश्वास करके उसकी जांच करनी चाहिए और दोषी व्यक्ति कितना भी नजदीकी क्यों न हो उसे सजा दिलाने से पीछे नहीं हटना चाहिए सरकार को भी ऐसी तकनीक विकसित करनी होगी जिससे अश्लील वीडियो और सामग्री को सोशल मीडिया के हर मंच पर प्रतिबंधित किया जा सके।