केंद्र सरकार की तरफ से किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. पिछले दिनों बिहार में खाद्य की किल्लत की बात मीडिया में आई. अब इस मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बिहार सरकार को फटकार लगाई है. केंद्रीय मंत्री ने साफ कहा कि देश में खाद्य की किसी प्रकार की किल्लत नहीं है. राज्य सरकार बिना वजह हाय-तौबा मचाए हुए है. कृषि मंत्री एक एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में भाग लेने के सिलसिले में बिहार आए थे.
नीतिश सरकार वक्त की नजाकत को समझे
कृषि मंत्री ने बिहार सरकार को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि नीतिश सरकार वक्त की नजाकत को समझे. यह समय दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का है, हाय-तौबा करने का नहीं. यदि आपको फर्टिलाइजर नहीं मिला है तो प्राकृतिक खेती की तरफ किसानों को ले जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि ढाई लाख करोड़ की सब्सिडी दी गई है. इसी का नतीजा है कि किसानों को यूरिया का बैग 266 रुपये में मुहैया कराया जा रहा है.
नैनो डीएपी भी बनकर तैयार होगा
रिसर्च के आधार पर नैनो यूरिया को तैयार किया गया. आने वाले समय में नैनो डीएपी भी बनकर तैयार होगा, उस पर रिसर्च चल रही है. कृषि मंत्री तोमर ने बताया यदि ट्रांसपोर्ट के कारण खाद्य टाइम पर नहीं पहुंचे तो नैनो फर्टिलाइजर उपयोग करें. सरकार की यह कोशिश हो कि किसान ज्यादा से ज्यादा नेचुरल फार्मिंग की तरफ मूव करें. इससे पहले पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 8 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 16,400 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर कर दी.
उन्होंने कहा कि यदि किसान खेतों में काम नहीं करेंगे तो हमारे पास पैसा होने के बावजूद पेट भरने के लिए अनाज नहीं होगा. हमारा कृषि क्षेत्र 140 करोड़ भारतीयों के लिए बहुत जरूरी है. हमें किसानों के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए. तोमर ने कहा कि देश में कृषि के महत्व को देखते हुए ही पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस सेक्टर को प्राथमिकता दी है. साल 2014 से पहले तक एग्रीकल्चर सेक्टर का बजट करीब 25,000 करोड़ रुपये हुआ करता था. आज यह बढ़कर 1.25 लाख करोड़ पर पहुंच गया है.
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