उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भक्तों की भेंट से भगवान महाकाल का खजाना भर गया है। साल 2022 में मंदिर समिति को 46 करोड़ 51 लाख रुपये की आय हुई, यह राशि गत वर्ष की तुलना में दो गुना से अधिक है।
साल 2021 में समिति को 22 करोड़ 13 लाख रुपये की आय हुई थी। इसका कारण मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में हुए इजाफे को बताया जा रहा है। इधर, जानकारों का कहना है कि मंदिर समिति ने अधिकांश दर्शन व्यवस्था को अर्थआधारित कर दिया है, इससे आय बढ़ रही है।
मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया श्री महाकाल महालोक का निर्माण होने के बाद मंदिर में दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है। पहले औसतन 15 से 20 हजार भक्त प्रतिदिन भगवान महाकाल के दर्शन करने आते थे। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री महाकाल महालोक का लोकार्पण किया था।
इसके बाद से प्रतिदिन 30 से 35 हजार भक्त प्रतिदिन भगवान महाकाल के दर्शन करने आ रहे हैं। सप्ताह के तीन दिन शनिवार, रविवार व सोमवार को भक्तों की संख्या 60 हजार से एक लाख होती है। भक्त मंदिर में दिल खोलकर दान कर रहे हैं, इससे भगवान महाकाल का खजारा भर रहा है।
ऐसे होती है मंदिर में आय
मंदिर समित को लड्डू प्रसाद के विक्रय, 250 रुपये के शीघ्र दर्शन व प्रोटोकाल को शुल्क के दायरे में लाने से प्राप्त आय, गर्भगृह में प्रवेश के लिए 750 व 1500 रुपये के टिकट, भस्म आरती के लिए निर्धारित 200 रुपये शुल्क, अभिषेक पूजन व शिखर पर ध्वज चढ़ाने की रसीद के साथ आनलाइन व आफ लाइन दान से आय प्राप्त होती है।