पाकिस्तान में भारतीय संस्कृति का झंडा बुलंद करने वाले सिंध के हिंदू हर साल भारत की यात्रा पर आते हैं. वे शदाणी दरबार हरिद्वार आते हैं. पाकिस्तान से भारत की यात्रा पर आए यात्री हर की पैड़ी पर गंगा आरती करते हैं और गंगा के तट पर अपने परिजनों के साथ पूजा पाठ और यज्ञ करते हैं.मंदिरों के दर्शन करते हैं और गंगा तट पर यज्ञोपवीत संस्कार करते हैं.
पाकिस्तान से इस बार सवा दो सौ हिंदू तीर्थ यात्री पाकिस्तान से शदाणी दरबार दर्शन करने हिंदुस्तान आए. साथ ही वह अपने दिवंगत परिजनों की अस्थियां लेकर हरिद्वार आते हैं और उन्हें वैदिक विधि विधान के साथ गंगा में विसर्जित करते हैं और पिंडदान करते हैं. उनका श्राद्ध करते हैं. हरिद्वार तीर्थ के अलावा यह भारत के अन्य तीर्थ स्थानों के भी दर्शन करते हैं. वे भारत में आकर अपने को धन्य समझते हैं और कहते हैं कि हमें पूर्व जन्म के पुण्य के कारण हरिद्वार तीर्थ और हिंदुस्तान के अन्य तीर्थो के दर्शन होते हैं.
215 पाकिस्तानी आए हिन्दुस्तान
बता दें, इस बार सवा दो सौ हिंदू तीर्थ यात्री पाकिस्तान से हिंदुस्तान आए. अपने परिवार के साथ बच्चों और युवाओं का गंगा के तट पर वैदिक विधि विधान के साथ यज्ञोपवीत संस्कार करवाया. शदाणी दरबार हरिद्वार के प्रमुख महामंडलेश्वर युधिष्ठिर महाराज का कहना है कि भारत में आकर पाकिस्तान के हिंदू भाई लोग अपने को धन्य समझते हैं और भी भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार करना चाहते हैं. पाकिस्तान में भी हर साल शदाणी दरबार का जत्था जाता है और वहां पर भी हम कई लोगों के यज्ञोपवीत संस्कार करते हैं.
भारत आने की चुनौतीयां बताई
उन्होंने अपने पूर्वजों की अस्थियों को हर की पैड़ी के पवित्र जल में विसर्जित कर अपना दायित्व पूरा किया. पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों में से एक ने कहा कि, “हमारी यात्रा 25 दिनों की है, हम अपने पिता की अस्थियां लेकर कल हरिद्वार पहुंचे” पाकिस्तान से भारत की यात्रा में अपनी चुनौतियों के बारे में बताते हुए तीर्थयात्रियों ने भारत सरकार से वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने की अपील की. उन्होंने अपनी तीर्थयात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए समय पर वीजा प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया.
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