मुंबई-बेंगलुरू की मांग, समर सीजन में नई फ्लाइट मिलने की उम्मीद

जबलपुर। जबलपुर को अत्याधुनिक विमानतल की सुविधा तो मिल गई है लेकिन विमानों की संख्या कम हो गई हैं कई बड़े शहरों से जबलपुर के कनेक्टिविटी नहीं है। समर सीजन में जहां ट्रेनों में बुकिंग फुल है वहीं विमानों की कमी घूमने फिरने के शौकीनों को अखर रही है। इधर व्यापारी, विद्यार्थी और ब्योरोकेट्स के लिए भी विमान सेवाएं कम होने से समस्या आ रही है। समर सीजन के शेड्यूल में अभी मुबंई और बैंगलुरू जैसे शहरों के लिए नियमित विमान सेवा शामिल नहीं है जबकि इसकी मांग बनी हुई है। शहर के कई जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय तक पत्र लिखकर सेवाएं प्रारंभ करने का अाग्रह तक किया है।

कम्पनियों ने किया समर सीजन का शेड्यूल जारी

 

विमान कम्पनियों ने समर सीजन का शेड्यूल जारी करना शुरू कर दिया है, लेकिन इसमें न तो जबलपुर एयरपोर्ट को कोई नई उड़ान मिली है और न ही पुराने उड़ानों को नियमित किए जाने के आसार नजर आ रहे है। 450 करोड़ रुपए की लागत से एयरपोर्ट का विस्तारीकरण तो कर दिया गया, लेकिन नई फ्लाइट्स शुरू कराने में एयरपोर्ट अथॉरिटी समेत जनप्रतिनिधी और अन्य जिम्मेदार इस दिशा में कोई ठोस प्रयास करते नजर नहीं आ रहे हैं।

 

मुबंई उड़ान के लिए प्रयास

पहले मुंबई के लिए नियमित फ्लाइट थी। कुछ समय पूर्व स्पाइस जेट ने इस रूट पर अपना विमान उतारा। लेकिन यह सेवा सप्ताह में एक बार शुक्रवार को ही संचालित की गई। मार्च के माह में चार बार इस फ्लाइट ने जबलपुर और मुंबई से उड़ान भरी। अभी सप्ताह में एक दिन यह विमान सेवा है। अब मुबंई से नियमित उड़ान के लिए प्रयास किया जा रहा है।

 

नियमित से साप्ताहिक

 

विमान कम्पनियां जबलपुर से उड़ान भरने वाले विमानों में लगातार कटौती कर रही है। यही कारण है कि कभी नियमित रूप से जबलपुर और बिलासपुर के बीच उड़ने वाले एलाइंस एयर के विमान को सप्ताह में तीन दिन और फिर इसे भी साप्ताहिक कर दिया गया। वहीं जगदलपुर और जबलपुर के बीच हफ्ते में एक दिन उड़ान सेवा चालू है।

 

प्रतिस्पर्धा न होने का घाटा

 

जानकारों की माने तो यदि किसी रूट पर तीन या उससे अधिक कम्पनियों द्वारा फ्लाइट्स का संचालन किया जाता है, तो तीनों में प्रतिस्पर्धा होती है कि अधिक से अधिक फ्लायर्स उनके विमान में यात्रा करें। ऐसे में फ्लायर्स को भी लाभ मिलता है और फेयर कम रहता है, लेकिन जबलपुर से मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद रूट पर भी महज दो-दो फ्लाइट्स हैं, जबकि फ्लायर्स की संख्या अधिक। ऐसे में फ्लायर्स को अधिक फेयर देना पड़ रहा है।

 

कनेक्टिंग फ्लाइट्स या फिर दूसरे शहर

 

पुणे, कोलकाता समेत देश के अन्य शहरों में हवाई यात्रा करने जाने वालों को या तो कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी पड़ रही है या फिर वे जबलपुर से नागपुर, इंदौर और भोपाल की यात्रा ट्रेन या कार से कर रहे हैं। इसके बाद वे वहां से फ्लाइट लेकर अपने गंतव्य को रवाना हो रहे है।

 

यह उड़ाने पहले हो चुकी हैं बंद

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