बजट बिगाड़ सकता है मई का महीना, आज से बदल जाएंगे जेब पर असर करने वाले ये नियम

नया साल शुरू हुए चार महीने बीत गए हैं, लेकिन वित्त वर्ष (2024-25) का यह पहला महीना है जो 30 अप्रैल को खत्म हुआ है. 1 मई नई सुबह के साथ कई नियमों में परिवर्तन का गवाह बनने जा रही है, जो आम जनता के जीवन पर सीधा असर करेगी. आज से ही एलपीजी सिलेंडर के दाम से लेकर आईसीआईसीआई बैंक के सेविंग खातों के चार्ज तक में कई परिवर्तन देखने को मिलेगा. आइए जानते हैं कि इस महीने पैसों से जुड़े किन नियमों में बदलाव देखे जा सकते हैं.

यस बैंक ले सकता है ये फैसला

यस बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, सेविंग खातों के विभिन्न प्रकारों के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस में परिवर्तन किया गया है. अब यस बैंक के प्रो मैक्स सेविंग अकाउंट्स के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस 50,000 रुपए हो गया है और मैक्सिमम चार्ज में बदलाव कर 1000 रुपए कर दिया गया है. वहीं, प्रो प्लस, Yes Respect SA और Yes Essence SA खातों के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस की सीमा 25,000 रुपए और मैक्सिमम चार्ज 750 रुपए का है. Account Pro में मिनिमम बैलेंस 10,000 रुपए है और इसमें अधिकतम शुल्क 750 रुपए हो गया है.

इनके जेब पर पड़ेगा असर

आईसीआईसीआई बैंक भी सेविंग कार्ड से जुड़े नियमों में बदलाव करने जा रहा है. अब ग्रामीण क्षेत्र में ग्राहकों को डेबिट कार्ड के लिए सालाना 99 रुपए और शहरी क्षेत्र में 200 रुपए की फीस देनी होगी. इसके साथ ही, बैंक ने 25 पन्नों के चेक बुक के लिए कोई शुल्क नहीं लेने का निर्णय लिया है, लेकिन उसके बाद के प्रति पेज चेकबुक के लिए 4 रुपए का चार्ज देना पड़ेगा. आईएमपीएस ट्रांजैक्शन अमाउंट को 2.50 रुपए से लेकर 15 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन तक का निर्धारण किया गया है.

स्पेशल एफडी की लास्ट डेट तय

एचडीएफसी बैंक ने सीनियर सिटीजन के लिए एक स्पेशल एफडी स्कीम शुरू की है, जिसमें वे 10 मई तक शामिल हो सकते हैं. इस स्कीम में सीनियर सिटीजन को 0.75% अतिरिक्त ब्याज दर उपलब्ध है, जिससे वे 5 से 10 साल की एफडी स्कीम पर 7.75% ब्याज दर का लाभ उठा सकते हैं. इस स्कीम के अंतर्गत, सीनियर सिटीजन 5 करोड़ रुपए तक जमा कर सकते हैं.

जैसा की हम सब जानते हैं कि हर महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियां घरेलू और कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में परिवर्तन करती हैं, इसलिए मई की पहली तारीख को गैस की कीमतों में बदलाव की संभावना है. अगर कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा.

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