भीड़ में बोलने से कभी नहीं डरेगा बच्चा, इस तरह बढ़ाए कम्यूनिकेशन लेवल

बच्चों के भविष्य की नींव बचपन से ही रखी जाती है. ऐसे में पेरेंट्स को उनके करियर को लेकर हमेशा चिंता बनी रही है. कई बच्चे स्कूल में स्टेज पर स्पीच देने या फिर डांस और म्यूजिक जैसी परफॉर्मेंस देने से कतराते हैं. अगर बचपन में ही उनकी इस आदत को न सुधारा जाए तो आगे चलकर उसका असर उनके करियर पर पड़ता है. ऐसे में कई बार बच्चे में कॉन्फिडेंस की कमी हो जाती है.

बच्चा भीड़ के बीच अपनी बात को नहीं रख पाता है. ये डर आगे चलकर बढ़ता चला जाता है और उन्हें इसके कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. खासकर करियर में, कई लोग तो स्टेज का नाम सुनते ही पैनिक होने लग जाते हैं. कई प्रयास करने के बाद भी उनका ये डर बरकरार रहता है. ऐसे में आपको बचपन से ही अपने बच्चे का कॉन्फिडेंस और स्पीकिंग स्किल्स बढ़ाने के लिए इन सब तरीकों को अपनाना चाहिए. जिससे उनके इस डर को खत्म किया जा सके.

बातचीत करें

बच्चे का कॉन्फिडेंस और स्पीकिंग स्किल्स बढ़ाने के लिए उनसे बातचीत करें. जब बच्चा आपको कोई बात बता रहा हो तो ऐसे में उसे टोकें नहीं बल्कि उसकी बात को बिना रुकावट के ध्यान से सुनें. साथ ही बच्चों में दूसरों की बात को ध्यान से सुनने की आदत डालें. ताकि उनकी बात को सही से सुन कर वो उसका जवाब दे पाएं.

शब्दों का चयन

बच्चे पेरेंट्स को देखकर ही सीखते हैं. ऐसे में बच्चे के सामने सही शब्दों का चयन करें. बच्चे के सामने अपनी बात को बेहतर तरीके से रखें. साथ ही जब बच्चा आपके सामने किसी भी शब्द का गलत उच्चारण करें, तो उसे नादानी समझ कर नजरअंदाज न करें. बल्कि बच्चे को टोकें और बात या शब्द को कहने का सही तरीका बताएं.

पढ़ना और कहानी सुनें

बच्चे के स्पीकिंग स्किल्स बढ़ाने के लिए उन्हें रीडिंग की आदत डालें. इससे बच्चा बात करने का तरीका और शब्दों का सही उच्चारण दोनों ही सीख पाएगा. इसी के साथ आप बच्चे से उनके दोस्तों और दिनभर उन्होंने क्या किया, इस बारे में बात-चीत करें. ये आदत उन्हें बेहतर स्टोरी टेलर बनाने में मदद कर सकती है.

कॉम्पिटिशन में भाग लेना

बच्चे को शुरू से कॉम्पिटिशन में भाग लेने दें. पेंटिंग, डांस, सिंगिंग और स्पोर्ट से जुड़ी कई प्रतियोगिताएं स्कूल में होते रहती हैं. ऐसे में बच्चे को उसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें. ऐसा करने से उनके अंदर कॉन्फिडेंस डेवलप होगा. लेकिन जीतने का प्रेशर बच्चे पर न बनाएं. क्योकि भले ही वो कॉम्पिटिशन जीते या नहीं, इससे उन्हें कुछ सीखने को मिलेगा.

सही तरीका बताएं

बच्चे के कम्युनिकेशन स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए उन्हें पहले सामने वाले की बात को सुनकर अपनी बात रखना और बात को आराम से सही शब्दों के चयन के साथ करने के फायदे बताएं. इसी के साथ आई कांटेक्ट और फेस एक्सप्रेस भी बहुत जरूरी होता है.

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