बंगाल में कोई INDIA गठबंधन नहीं, मालदा में ममता ने कांग्रेस-CPM पर बोला हमला

लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान समाप्त हो चुका है. अगले दो चरणों में उत्तर बंगाल के कई जिलों में भी मतदान होना है. 26 अप्रैल को दार्जिलिंग, बालुरघाट, रायगंज में वोटिंग है. 7 मई को मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण में मतदान है. इस बीच, तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने चुनाव प्रचार के लिए मालदा पहुंचीं. मालदा में सभा करते हुए ममता बनर्जी ने कांग्रेस, बीजेपी और माकपा पर एक साथ निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस-सीपीएम-बीजेपी भाई-भाई करार देते हुए कहा कि वे एक साथ मिलकर लड़ रहे हैं. हम बीजेपी से अकेले लड़ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यहां से बीजेपी जीती थी, कांग्रेस जीती थी, उसने कभी बंगाल के लिए काम नहीं किया है. बंगाल के लिए कभी बात नहीं की है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में उन लोगों की सरकार बनेगी. टीएमसी इंडिया गठबंधन का समर्थन करेगी. इंडिया गंठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर है. बंगाल स्तर पर इंडिया गठबंधन नहीं है. इंडिया गठबंधन मेरे द्वारा बनाया गया था. याद रखें सीपीएम-कांग्रेस को एक भी वोट न दें. ये बीजेपी का खेल है.

माकपा, बीजेपी और कांग्रेस एक

उन्होंने कहा कि उनकी नीति कांग्रेस के नाम पर वोट काटने की है, ताकि बीजेपी को ज्यादा वोट मिल जाए. सीपीएम के नाम पर भी वोट करेंगे, तो बीजेपी को फायदा होगा. अगर वे पूरे भारत में जहां हम नहीं लड़ रहे हैं, वहां लड़ें तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है.

उन्होंने कहा कि हमें विश्वास करना होगा कि हम कहां लड़ रहे हैं. हमारे सांसद ने संसद में लड़ाई लड़ी है. महुआ मोइत्रा को निष्कासित कर दिया गया. हमारे सांसद गरीबों को लेकर दिल्ली गये. वहां अभिषेक बनर्जी के साथ दुर्व्यवहार किया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी वह नहीं रूकें.

ममता ने कहा, ”हमारे पास कई आदिवासी नेता हैं. प्रकाश चिक बड़ाईक हमारे राज्यसभा सांसद हैं. फिर भी इस बार वह अलीपुरद्वार से खड़े हैं और जीत हासिल करेंगे.”

मैं सीएए, एनआरसी नहीं होने दूंगी

ममता ने कहा, ”प्रवासी श्रमिक भी वोट देंगे. ताकि आपका नाम नहीं काट दिया जाए. मैं वादा करती हूं, यहां सीएए, एनआरसी को अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर ऐसा हुआ तो हर कोई अपनी पहचान और नागरिकता खो देगा. उन्हें मछली, मांस और अंडे खाने की अनुमति नहीं मिलेगी. कौन क्या खायेगा ये उनका अपना काम है. आप क्यों हस्तक्षेप करते हैं?

‘आयुष्मान भारत’ को लेकर ममता बनर्जी ने कहा, ‘अगर आयुष्मान भारत बनता तो केंद्र आधा पैसा देता और बाकी हमें देना पड़ता. सिर्फ 50 लाख लोगों को ही इससे लाभ मिलेगा. स्वास्थ्य साथी में 10 करोड़ लोगों को सेवा मिलती है. मुझे बंगाल में ‘आयुष्मान भारत’ क्यों बनाना चाहिए?”

100 दिनों के काम के बारे में ममता ने कहा कि उन्होंने 100 दिनों के काम के लिए भुगतान नहीं किया, लेकिन बंगाल भीख नहीं मांगेगा. हमें जितने अधिक सांसद मिलेंगे, हम उतना ही अधिक दिल्ली से काम कर सकेंगे. बंगाल को वह मिलेगा जिसका वह हकदार है. हमने प्रोजेक्ट लॉन्च किया है – कर्मश्री. इसके जरिए जॉब कार्ड धारकों को 50 दिन काम की गारंटी दी जा रही है. कोई भी चाहे तो 60 दिन का काम कर सकता है.

ममता ने चुनाव से पहले अलग-अलग मीडिया में हो रहे सर्वे को ‘फर्जी’ बताया. उन्होंने कहा, ”किसी भी सर्वे पर भरोसा न करें. सब बीजेपी के पैसे से हुआ. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में उन्हें 200 वोट मिलेंगे. नहीं मिला था इस बार भी नहीं मिलेगा.

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