असम: एक परिवार ऐसा भी, 1200 सदस्य, करीब 350 लोग करेंगे मतदान

देशभर में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. हर तरफ चुनावी शोर सुनाई दे रहा है. लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को है. असम में पहले चरण में मतदान होना है. इस बीच सूबे का एक परिवार ऐसा भी है जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. इस परिवार में 8, 10 नहीं बल्कि 350 सदस्य हैं. जो लोकसभा चुनाव के लिए मतदान करेंगे. यह परिवार असम के सबसे बड़े परिवारों में शुमार है जो लोकतंत्र के इस महापर्व में खास भूमिका अदा करता है.

इस परिवार के मुखिया का नाम दिवंगत रॉन बहादुर थापा था. यह परिवार असम के सोनितपुर जिले के रंगपारा विधानसभा क्षेत्र और सोनितपुर संसदीय क्षेत्र के दायरे में आता है. दिवंगत रॉन बहादुर थापा के परिवार में उनके 12 बेटे और हैं. इसके साथ ही 9 बेटियां हैं. रॉन बहादुर की पांच पत्नियां थीं. उनके 150 से अधिक पोते-पोतियां भी हैं जो अभी जीवित हैं. कुल मिलाकर करीब 1200 सदस्यों वाले इस परिवार के करीब 350 सदस्य आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान करेंगे.

एक ही पूर्वज के करीब 300 परिवार

जानकारी के मुताबिक सोनितपुर संसदीय क्षेत्र के फुलोगुरी नेपाली पाम क्षेत्र में एक ही पूर्वज के करीब 300 परिवार रहते हैं. नेपाली पाम गांव के ग्राम प्रधान और दिवंगत रॉन बहादुर के बेटे तिल बहादुर थापा ने बताया कि उनके पूरे परिवार में करीब 350 लोग हैं जो वोट डालने के लिए एलिजिबल हैं. उन्होंने बताया कि पिता रॉन बहादुर साल 1964 में अपने पिता यानी उनके दादा जी के साथ यहां आए थे. इसके बाद वह लोग यहीं रहने लगे और इसी राज्य में बस गए.

करीब 350 सदस्य डालेंगे वोट

तिल बहादुर ने बताया कि उनके पिता की पांच पत्नियां थीं. उनके 12 भाई और 9 बहनें हैं. वहीं 56 पोते-पोतियां थीं. तिल बहादुर ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि बेटी से कितने पोते-पोतियां हैं. उन्होंने बताया कि अगर उनके परिवार के सभी सदस्यों की गिनती की जाए तो कुल सदस्यों की संख्या करीब 1200 से ज्यादा होगी. जिनमें से इस चुनाव में करीब 350 सदस्य वोट डालने के पात्र हैं.

सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं उठाया

हालांकि तिल बहादुर ने ये भी बताया कि उनका परिवार को अभी तक राज्य और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाया है जिसका उन्हें काफी अफसोस है. उन्हेंने बताया कि परिवार के बच्चों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की बावजूद इसके उन्हें कोई सरकारी नौकरी नहीं मिली. उन्होंने बताया कि परिवार के कुछ सदस्य बेंगलुरु चले गए जहां वो प्राइवेट नौकरी करने लगे. इसके अलावा कुछ सदस्य बतौर दिहाड़ी मजदूर काम कर रहे हैं. तिल बहादुर ने बताया कि वो खुद 1989 से ग्राम प्रधान के रूप में काम कर रहे हैं. अपने खुद के परिवार के बारे में उन्होंने बताया कि उनके 8 बेटे और 2 बेटियां हैं. उन्होंने कहा कि उनके पिता ने 12 बेटों और 9 बेटियों का पालन-पोषण किया.

19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान

दिवंगत रॉन बहादुर के एक दूसरे बेटे का नाम सरकी बहादुर थापा है. परिजनों के मुताबिक रॉन बहादुर का 1997 में निधन हो गया था. अपने पीछे वह पूरा भरा पूरा परिवार छोड़ गए थे. 64 साल के सरकी बहादुर थापा ने बताया कि उनकी खुद की तीन पत्नियां और 12 बच्चे हैं. आपको बता दें कि विधानसभा क्षेत्रों से बनी सोनितपुर लोकसभा सीट पर 16.25 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. असम में 14 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव तीन चरणों में होंगे. जिनमें पहला चरण 19 अप्रैल दूसरा चरण 26 अप्रैल और तीसरा चरण 7 मई को है.

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