वैदिक पंचांग के अनुसार आज साल की पहली सोमवती अमावस्या है. माना जाता है कि इस दिन स्नान और दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ चंद्रमा की पूजा करने का विधान है. सोमवती अमावस्या के दिन लोग अपने रूठे हुए पितरों को मनाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही पितृ दोष से मुक्ति भी मिलती है.
सोमवती अमावस्या का मुहूर्त
इस बार साल की पहली सोमवती अमावस्या आज यानी 8 अप्रैल को मनाई जा रही है. इसकी शुरुआत 8 अप्रैल 2024 यानी आज सुबह 08:25 बजे हुई और समापन रात को 11:49 बजे होगा.
सोमवती अमावस्या की रात्रि में करें यह कार्य
- आज के दिन चंद्रमा की पूजा अवश्य करनी चाहिए. माना जाता है कि जिसकी कुंडली में चंद्रमा नीच स्थिति में होता है ऐसे लोगों को इस दिन सफेद रंग के वस्त्र, सफेद रंग के अन्न, दूध दही आदि का दान करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से चंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं.
- व्यापार में हो रही परेशानियों को कम करने के लिए लोगों को आज के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और श्री हरि विष्णु भगवान का ध्यान करते हुए “ओम नमो भगवते नारायणाय” मंत्र का जाप करें.
- जिन लोगों की कुंडली में काल सर्प दोष है, उन्हें सोमवती अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन की विधि-विधान से पूजा करें इसके बाद इन्हें शिवलिंग पर अर्पित कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें.
- सोमवती अमावस्या के दिन यदि व्यक्ति चावलों को पकाकर उसमें चीनी मिलाएं. इसके बाद इसे गाय को खिला दें और गौ माता के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें. इस उपाय को करने से आपको मानसिक तनाव से राहत मिलेगी.
सोमवती अमावस्या का महत्व
सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होगा.साथ ही यह भी माना जाता है कि स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
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