सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता… कांग्रेस के तेज तर्रार नेता गौरव वल्लभ ने छोड़ी पार्टी

कांग्रेस पार्टी के नेता गौरव वल्लभ ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है उसमें वह खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहे हैं. वह ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकते हैं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकते हैं इसलिए वह कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं.

गौरव वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस्तीफा लिखते हुए कहा है कि वह बहुत भावुक हैं और उनका मन व्यथित है. सच को छुपाना अपराध नहीं है और वह अपराध के भागी नहीं बनना चाहते हैं. पिछले कुछ दिनों से पार्टी के स्टैंड से असहज महसूस कर रहा हूं. पार्टी नए आइडिया वाले युवाओं के साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पाती है.

‘बड़े नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं से बढ़ी दूरी’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस का ग्राउंड लेवल कनेक्ट पूरी तरह से टूट चुका है. बड़े नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच की दूरी पाटना बेहद कठिन है.’ उन्होंने अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस के कदम को लेकर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, ‘श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस के स्टैंड से क्षुब्ध हूं. मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं. पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे हमेशा असहज किया है. पार्टी और गठबंधन के कई लोग सनातन विरोधी बोलते हैं और पार्टी का चुप रहना उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है.’

कांग्रेस उदारीकरण, निजीकरण व वैश्वीकरण नीतियों के खिलाफ- गौरव वल्लभ

गौरव वल्लभ ने कहा, ‘इन दिनों कांग्रेस गलत दिशा में आगे बढ़ रही है. एक ओर हम जाति आधारित जनगणना की बात करते हैं और दूसरी ओर हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं. ये कार्यशैली जनता के बीच पार्टी को एक खास धर्म विशेष के ही हिमायती होने का भ्रामक संदेश दे रही है. ये कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है.’

अपने इस्तीफे में वल्लभ ने लिखा, ‘आर्थिक मामलों में वर्तमान समय में कांग्रेस का हमेशा देश के वेल्थ क्रिएटर्स को नीचा दिखाने का, उन्हें गाली देने का रहा है. आज हम उन उदारीकरण, निजीकरण व वैश्वीकरण नीतियों के खिलाफ हो गए हैं, जिसको देश में लागू करने का पूरा श्रेय दुनिया ने हमें दिया है. देश में होने वाले हर विनिवेश पर पार्टी का नजरिया हमेशा नकारात्मक रहा है. क्या हमारे देश में बिजनेस करके पैसा कमाना गलत है?’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.