भोपाल। शहर की सड़कों पर घूमने वाले आवारा श्वानों की मानीटरिंग के लिए नगर निगम के पास कोई इंतजाम नहीं हैं। वहीं बीते पांच सालों में नगर निगम ने शहर की एक भी कालोनी में जागरूकता कैंप भी नहीं लगाया। नगर निगम के उपायुक्त स्वास्थ्य योगेन्द्र पटेल खुद मानते हैं कि आवारा पशु और स्ट्रीट डाग मानीटरिंग कमेटी में कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी हैं, उसकी जानकारी कार्यालय में नहीं है। ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं कि शहर में डाग बाइट की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। एक आरटीआइ की जानकारी में यह बात सामने आई है।
तीन वर्ष पहले घट गई थी नसबंदी, इसलिए बढ़ी श्वानों की संख्या
श्वानों को रखने के लिए सिर्फ 272 केज, इसमें आधे खराब
नगर निगम के पास नहीं है रिकार्ड
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