इंदौर उज्जैन रोड को बायपास से जोड़ने वाले पांच भागों में विभाजित कर दो साल में बनेगी एमआर-12

इंदौर । उज्जैन रोड को बायपास से जोड़ने वाले एमआर-12 का निर्माण पांच हिस्सों में किया जा रहा है। नौ किमी लंबी सड़क का तीन किमी हिस्सा अलग-अगल क्षेत्रों में बन चुका है। अन्य हिस्से की टेंडर प्रक्रिया जारी है। दो साल में यह 60 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण कार्य पूरा होगा। जल्द काम पूरे हो सके इसके लिए अगल-अलग हिस्सों में बनाने की कवायद की जा रही है।

इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) द्वारा एमआर-10 भौंरासला से लेकर अरंडिया बायपास तक नौ किमी लंबे एमआर-12 का निर्माण किया जाना है। इसके पूरा होने के बाद बायपास से उज्जैन रोड का सीधा जुड़ाव हो जाएगा। भौंरासला से सीधे वाहन बायपास पर पहुंच जाएंगे और एमआर-10 का दबाव भी कम होगा। सड़क निर्माण से आइडीए की टीपीएस योजनाओं में पहुंच भी आसान होगी। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में विकसित हो चुकी दर्जनों कालोनियों के रहवासियों को भी फायदा होगा। कुछ हिस्सों में बाधक निर्माण भी हटाए जाना है। इसी वजह से आइडीए अलग-अलग चरण में काम कर रहा है।

ट्रांसपोर्ट हब को मिलेगा फायदा

आइडीए द्वारा टीपीएस-3 में प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट हब को भी एमआर-12 का फायदा मिलेगा। यहां आने वाले भारी वाहनों को रिंग रोड पर प्रवेश नहीं करना पड़ेगा और वाहन सीधे एमआर-12 सड़क का उपयोग कर बायपास पर पहुंच जाएंगे। इससे रिंग रोड और शहर में भारी वाहनों का दबाव भी कम होगा।
तीन किमी हिस्से में निर्माण पूरा
अधिकारियों का कहना है कि उज्जैन और बायपास को जोड़ने वाले एमआर-12 का निर्माण तीन किमी में हो चुका है। यह निर्माण अलग-अलग हिस्सों में किया गया है। इसमें एमआर-10 से भांग्या गांव की डेढ़ किमी सड़क बनाने का काम जारी है। वहीं एबी रोड से रेलवे क्रासिंग तक आधा किमी में निर्माण हो चुका है। टीपीएस-3 में 700 मीटर और अरंडिया गांव में 200 मीटर में निर्माण कार्य चल रहा है।
रेलवे क्रांसिंग से भांग्या गांव तक की टेंडर प्रक्रिया की जा रही है। एमआर-12 के बीच रेलवे लाइन और नदी भी पड़ेगी। केलोद हाला रेलवे क्रासिंग पर छह लेन का आरओबी बनाया जाएगा। आइडीए ने इसकी निविदाएं बुलाई हैं। कैलाद हाला में बह रही कान्ह नदी पर पुल भी बनेगा। इसकी डीपीआर तैयार हो रही है

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