कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुटी है. बीजेपी और पीएम मोदी को मिल रही लगातार जीत में सबसे अहम भूमिका दो बड़े वोटबैंक की मानी जाती है, जिसमें एक युवा हैं तो दूसरा महिला. बीजेपी के इन दोनों ही वोटबैंक पर कांग्रेस की नजर है. युवाओं के लिए ‘रोजगार गारंटी’ का ऐलान करने के बाद कांग्रेस ने आधी आबादी को साधने के लिए ‘नारी न्याय गारंटी’ का बड़ा दांव चला है. कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद गरीब महिलाओं को हर साल एक लाख रुपये की मदद और सरकारी नौकरियों में 50 फीसदी महिला आरक्षण देने सहित पांच बड़े वादे किए हैं.
2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से कांग्रेस का दांव माना जा रहा है, लेकिन क्या बीजेपी के मजबूत वोटबैंक में सेंधमारी का प्लान कामयाब होगा? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को ‘नारी न्याय गारंटी’ का ऐलान करते हुए कहा कि महिला हमारे देश की आधी आबादी है, लेकिन पिछले दस सालों में उन्हें कुछ नहीं मिला. काम सिर्फ उनके नाम पर सियासत कर उनसे वोट लेना का हुआ है. ऐसे में कांग्रेस देश की महिलाओं के लिए ‘नारी न्याय गांरटी’ की घोषणा करती है. इसके तहत गरीब महिलाओं, आशा, आंगनवाड़ी, मीड डे मील वर्कर्स के साथ ही कामकाजी महिलाओं के लिए घोषणा की गई है.
महिलाओं के लिए कांग्रेस की गारंटियां
1. महालक्ष्मी गारंटी: इसके तहत सभी गरीब परिवार की एक महिला को सालाना एक लाख रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है. महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने की योजना है.
2. आधी आबादी-पूरा हक: कांग्रेस ने इसके तहत केंद्र सरकार की नई नियुक्तियों में आधा हक यानि 50 फीसदी आरक्षण महिलाओं को देने का वादा किया है.
3. शक्ति का सम्मान: कांग्रेस ने इस योजना के तहत आंगनवाड़ी, आशा और मिड-डे मील वर्कर्स के मासिक वेतन में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना करने का वादा किया है.
4. अधिकार मैत्री: कांग्रेस ने हर पंचायत में महिलाओं को उनके हक के लिए जागरूक करने और जरूरी मदद के लिए अधिकार मैत्री नियुक्त करने का वादा किया है. मैत्री गांव की महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देने के साथ-साथ जागरुकता फैलेंगी.
5. सावित्री बाई फुले हॉस्टल: कांग्रेस ने कामकाजी महिलाओं के लिए बड़ा वादा किया है. देश के सभी जिला मुख्यालयों में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे. इस तरह महिलाओं के लिए हॉस्टल की संख्या दोगुनी करेगी.
सिर्फ महिलाएं नहीं युवाओं पर भी फोकस
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले आधी आबादी को साधने के लिए बड़ा सियासी दांव चला है. कांग्रेस की तरफ से सरकार में आने पर नारी न्याय गारंटी योजना की घोषणा की गई है. इससे पहले कांग्रेस ने युवाओं के लिए रोजगार गारंटी का ऐलान किया था, जिसके जरिए देश के युवा वोटरों को साधने की रणनीति है. केंद्र सरकार में खाली पड़े 30 लाख पदों पर भर्ती भरोसा, 25 साल से कम उम्र के डिप्लोमा या डिग्री धारक युवाओं को सरकारी या निजी क्षेत्र में अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण देने के साथ पहली नौकरी पक्की की गारंटी. इसके अलावा गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा, पेपर लीक से मुक्ति और युवाओं के स्टार्टअप के लिए नई रोशनी के जरिए 5000 हजार करोड़ रुपए के फंड की व्यवस्था करने का ऐलान किया है.
BJP की ताकत युवा-महिला वोटर
2024 के लोकसभा चुनाव की सियासी जंग फतह जीतने के लिए कांग्रेस ने दो बड़े दांव चले हैं, जिसके जरिए बीजेपी के मजबूत वोटबैंक में सेंधमारी का प्लान है. बीजेपी की सियासी ताकत के पीछे युवा और महिला वोटरों की भूमिका अहम रही है, जिन्हें साधकर पीएम मोदी 2014 और 2019 की चुनावी जंग फतह ही नहीं किया बल्कि पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 40 फीसदी से ज्यादा युवाओं ने वोट किया था और देश की 36 फीसदी महिलाओं ने वोट दिया था. इसके अलावा बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, यूपी और राजस्थान जैसे राज्य में बीजेपी को मिली जीत में महिला वोटरों का अहम रोल रहा था.
महिलाओं का वोटिंग पैटर्न देश में बदला है. महिलाएं अब केवल पुरुषों की तुलना में ज्यादा वोटिंग ही नहीं कर रही है बल्कि अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट कर रही है. महिलाओं को मतदान प्रतिशत भी बढ़ा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का मतदान एक फीसदी से ज्यादा रहा था. पिछले लोकसभा के चुनाव में कुल 67 फीसदी वोटिंग रही. बीजेपी को 35 फीसदी तो कांग्रेस को 20 फीसदी महिलाओं ने वोट किया था. इसी तरह से युवाओं ने 40 फीसदी वोट बीजेपी को तो कांग्रेस को 15 फीसदी वोट किए थे, जिन मतदाताओं की उम्र 40 साल से कम थी. इससे एक बात साफ है कि बीजेपी की जीत में महिला वोटरों की भूमिका महत्वपूर्ण है.
BJP का महिला वोटर्स पर खासा ध्यान
पीएम मोदी खुद कह चुके हैं कि बीजेपी की जीत में साइलेंट और युवा वोटरों का मुख्य रोल है. इतनी ही नहीं पीएम मोदी ने अपनी तमाम योजनाओं को महिलाओं पर केंद्रित कर रखा है. मोदी सरकार की लोकप्रिय उज्ज्वला योजना से बड़े पैमाने पर ग्रामीण महिलाओं को गैस सिलिंडर मिले. कई जानकार मानते हैं कि इससे महिलाओं में बीजेपी का समर्थन बढ़ा. इसके अलावा शौचालय का निर्माण, पक्का घर, मुफ्त राशन, महिलाओं को आर्थिक मदद जैसी कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनका सीधा लाभ महिलाओं को होता है.
महिलाओं का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कई योजनाओं पर विश्वास चुनाव में दिखा है. ऐसे में मोदी सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव में महिला समर्थन का दायरा बढ़ाने के लिए वर्षों से अधर में लटके महिला आरक्षण बिल को अमलीजामा पहनाने का काम किया. मोदी सरकार ने यह कदम 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उठाया है. पीएम मोदी इन दिनों अलग-अलग राज्यों में नारी शक्ति बंधंन कार्यक्रम करके महिलाओं को साधने में लगे हुए हैं.
देश में कितनी है महिला मतदाता?
देश में पिछले चुनाव में 43.8 करोड़ महिला मतदाताएं थीं, जो अब बढ़कर 46.1 करोड़ से ज्यादा हो गई हैं. महिला मतदाताओं की भूमिका चुनावों में हमेशा खास रही है. इसी तरह से कुल मतदाताओं में 50 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं की उम्र 40 साल से कम की है. इसलिए कांग्रेस अब इन वोटों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के मजबूत वोटबैंक बन चुके महिला और युवाओं को साधने के लिए ही रोजगार और नारी गारंटी का दांव चला है. कांग्रेस इसके जरिए युवाओं को रोजगार का सपना दिखा रही है तो महिलाओं को कैश देने से लेकर सरकारी नौकरी में 50 फीसदी आरक्षण का वादा कर रही है. इस तरह पीएम मोदी के जीत की गारंटी माने जाने वाले युवा और महिलाओं को 2024 में अपने पक्ष में करने के लिए रोजगार और नारी गांरटी का पासा फेंका है.
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