कार सर्विस सेंटर खोला, डुप्लीकेट चाबी बनाते-GPS लगाते, चोरी के लिए 31 गाड़ियां चुनीं तभी…

राजस्थान के उदयपुर की सुखेर थाना पुलिस ने बेहद शातिर कार चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस चोर गिरोह ने एक कार सर्विस सेंटर खोल रखा था. यहां सर्विस के लिए आई गाड़ियों की सभी जानकारियां आधुनिक तकनीक से हासिल कर लेते. फिर उनकी डुप्लीकेट चाबी बना लेते. उसके बाद कार में जीपीएस लगा देते. फिर कार को ट्रैक करके मौका पाते ही उसे पार कर लेते.

उदयपुर सिटी एएसपी उमेश कुमार ओझा ने बताया कि यह गैंग शहर के एक मॉल में कार वॉशिंग सर्विस सेंटर लगाकर काम कर रहे थे. ये शातिर चोर हाई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर वॉशिंग के लिए आई गाड़ी की डिजिटल जानकारियां चोरी कर लेते थे. फिर उस कार की डिजिटल स्मार्ट चाबी तैयार करते थे. कार मालिक को पुनः कार सौंपने से पहले उसमें जीपीएस सिस्टम भी लगा देते थे. इससे वे कार की लोकेशन को ट्रैक करते और बाद में अपने पास बनी चोरी की डिजिटल चाबी से उसे चुरा कर फरार हो जाते थे.

एएसपी ने बताया कि पुलिस को हाल ही में एक कार के चोरी होने की जानकारी मिली थी. पुलिस ने जब इसकी जांच शुरू की तो उसमें इस शातिर चोर गिरोह का सनसनीखेज खुलासा हुआ. पुलिस ने इस मामले में दो युवकों को गिरफ्तार किया है. उनके कब्जे से एक कार भी बरामद की गई है. कार चोर युवक 31 गाड़ियों की चोरी की योजना बना चुके थे.

31 गाड़ियों को चुराने वाले थे

इसका खुलासा पुलिस द्वारा चोरों के जब्त किए गए लैपटॉप से हुआ है. चोरों के लैपटॉप में 31 गाड़ियों की डिजिटल जानकारियां मिली हैं. उसमें ये लोग जीपीएस लगा चुके थे और उनको चुराने की तैयारी में थे. लेकिन इससे पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ गए. पुलिस ने इस मामले में जालोर जिले के रहने वाले लतीफ और विक्रम को गिरफ्तार किया है. उनसे और पूछताछ की जा रही है. आरोपियों ने बताया कि उनके पास इलेक्ट्रॉनिक मेकनिजेयम ब्रेक करने की मशीन है. इसी की मदद से वे लोग चोरी कर पाते थे. इस मशीन को उन्होंने 5:50 लाख रुपए में खरीदा था.

टेक्नोलॉजी के माहिर खिलाड़ी

शातिराना तरीके से कार चोरी करने वाले युवक टेक्नोलॉजी के माहिर खिलाड़ी हैं. इसीलिए उन्होंने एक ऐसा टूल किट मंगवाया जिससे किसी भी गाड़ी की डुप्लीकेट डिजिटल चाबी तैयार की जा सके. पुलिस ने आरोपियों के पास से डुप्लीकेट डिजिटल चाबी बनाने की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का सामान बरामद किया है. इसके साथ ही उनके पास से कई जीपीएस सिस्टम भी जब्त किए गए हैं.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.