बिहार के बेगूसराय जिले में RJD चीफ लालू प्रसाद यादव अपना काफिला जर्जर पुल पर लेकर चले गए. राजेंद्र पुल के नाम जाना जाने वाले इस पुल पर वाहनों के आवागमन पर रोक है, लेकिन RJD चीफ का काफिला बिहार में कैसे रुक सकता है, तभी तो जर्जर पुल पर भी अपनी गाड़ी चढ़ा दिए. गाड़ी तो चढ़ गई, एक पुल भी उसने पार भी कर लिया, लेकिन दूसरे पुल पर लालू के काफिले की एक बस अटक गई, जिसे किसी तरह बड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया.
दरअसल, लालू प्रसाद यादव को साहेबपुर कमल विधानसभा के विधायक ललन यादव की मां के श्रद्धांजलि सभा में शामिल होना था. उसी सभा में हिस्सा लेने के लिए लालू प्रसाद यादव का काफिला राजेंद्र पुल से गया. पुल पर वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिए हाइट गेज लगाया गया था. राजेंद्र पुल पर लगे एक हाइट गेज को पार कर लालू प्रसाद यादव का काफिला बेगूसराय तो पहुंच गया, लेकिन उनके ही काफिले की एक बस उस पुल को पार नहीं कर पाई.
कैसे निकली काफिले की बस?
जब पुल पर लालू प्रसाद यादव के काफिले की बस अटक गई तो पुल पर अफरा-तफरी मच गई. RJD कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार को लेकर खूब ऊट-पटांग नारे लगाए. तनावपूर्व हालात देख चकिया थाना प्रभारी नीरज कुमार चौधरी ने जल्दी-जल्दी सिमरिया से JCB का इंतजाम किया. कड़ी मशक्कत के बाद दूसरे पुल के हाइट गेज को किसी तरह हटाया गया, तब जाकर लालू प्रसाद यादव के काफिले की बस बाहर निकल पाई.
जर्जर पुल पर वाहनों की रोक, फिर भी गुजरा काफिला
बता दें कि राजेंद्र पुल के जर्जर और बुरा हाल होने के चलते उस पर वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी, ताकि किसी भी बड़ी दुर्घटना के घटित होने से पहले ही उसे रोका जा सके. फिलहाल, लालू प्रसाद यादव साहेबपुर पहुंचे और विधायक ललन यादव की मां की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. RJD के कार्यकर्ताओं ने अपने सुप्रीम नेता के पक्ष में जोर-जोर से नारे लगाए.
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