इस साल महाशिवरात्रि पर बन रहे हैं दुर्लभ संयोग, जान लीजिए कैसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने कई जन्मों की कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को माता पार्वती का विवाह भगवान शिव के साथ हुआ था. इसलिए हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष में महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है. इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च, शुक्रवार को मनाई जाएगी.

इस बार महाशिवरात्रि के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो इस बार की महाशिवरात्रि को खास बना रहे हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग, सिद्ध योग और श्रवण नक्षत्र का योग रहेगा.

महाशिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त?

हिन्दू पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 मार्च को रात 9 बजकर 57 मिनट से होगा. चतुर्दशी तिथि का समापन 9 मार्च की शाम को 6 बजकर 17 मिनट पर होगा. पूजा का शुभ मुहूर्त, रात 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक होगा. व्रत का पारण मुहूर्त, 9 मार्च की सुबह 06 बजकर 37 मिनट से दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.

इस महाशिवरात्रि पर बन रहे हैं ये शुभ संयोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार महाशिवरात्रि पर कई प्रकार के शुभ संयोग बन रहे हैं. मान्यता है, महाशिवरात्रि के दिन इन दुर्लभ संयोगों में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का फल कई गुणा ज्यादा बढ़कर मिलता है. इस महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग, सिद्ध योग और श्रवण नक्षत्र योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं.

इस महाशिवरात्रि पर बन रहे शुभ संयोग का समय

सर्वार्थ सिद्धि योग – सुबह 06 बजकर 38 मिनट से आरंभ होकर 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.

शिव योग – 9 मार्च को सूर्योदय से रात्रि 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.

सिद्ध योग – 9 मार्च की रात को 12 बजकर 46 मिनट से शुरू और 08 बजकर 32 मिनट तक समापन.

श्रवण नक्षत्र- सुबह के 10 बजकर 41 मिनट तक.

इन सब संयोग का धार्मिक महत्व जानें

महाशिवरात्रि के दिन बनने वाले योगों का विशेष महत्व माना जाता है. माना जाता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं. महाशिवरात्रि पर शिव योग बनना भी बेहद शुभ माना जाता है. इस योग में पूजा पाठ, ध्यान और मंत्र जप करना कल्याणकारी माना जाता है. इस शुभ समय में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

माना जाता है कि सिद्ध योग भगवान गणेश से जुड़ा हुआ है और इस शुभ योग में कार्य करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है. श्रवण नक्षत्र का स्वामी, शनि देव को माना जाता है. यह नक्षत्र अपने शुभ प्रभाव के लिए जाना जाता है, इसलिए श्रवण नक्षत्र में किए गए कार्य का फल भी शुभ ही प्राप्त होता है.

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