बालाघाट सिवनी लोकसभा सीट पर भाजपा नए चेहरे पर लगा सकती है दांव!
विधानसभा की तरह लोकसभा चुनाव में चौंका सकती है बीजेपी
राष्ट्र चंडिका न्यूज़ .बालाघाट / सिवनी ,बीजेपी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी को चौंका दिया था. इसी तरह वह लोक सभा चुनाव में भी चौंका सकती है. बीजेपी इस चुनाव में नई रणनीति पर काम कर रही है. लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है, बालाघाट सिवनी संसदीय क्षेत्र से भी दावेदारों के नाम सामने आने लगे है। बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में जिले की 6 विधानसभा सीटों के साथ सिवनी जिले की भी 2 विधानसभा सीटें शामिल हैं। लिहाजा यहां से दावेदार बालाघाट, सिवनी से लेकर दिल्ली तक जोर लगा रहे हैं। विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद बीजेपी में लोकसभा चुनाव की लेकर भी जबरदस्त उत्साह है।यही वजह है कि बीजेपी में कई मजबूत चेहरे अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। बालाघाट लोकसभा सीट 1998 से बीजेपी के कब्जे में है।
फिलहाल ढाल सिंह बिसेन यहां से सांसद हैं। माना जा है कि इस बार पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है। मौजूदा सांसद बिसेन जहां फिर चुनावी मैदान में उतरने की इच्छा जता रहे हैं। तो वहीं पार्टी के और भी सीनियर और युवा चेहरे उम्मीदवारी की कतार में हैं। अगामी माह में होने वाले लोकसभा चुनाव में इन दिनों बालाघाट सिवनी लोकसभा सीट के दावेदारों की लंबी कतार देखी जा रही है जहां पुराने वृद्ध प्रत्यशी भी इस बार अपना भाग्य आजमाने के लिए तैयारी कर रहे हैं तथा भोपाल दिल्ली का जोर लगा रहे हैं.
भाजपा के प्रबल दावेदारों में डॉक्टर ढाल सिंह बिसेन जहां पुन: संसद बनने के लिए हाईकमान के समक्ष दरकार
कर चुके हैं वहां बालाघाट के प्रत्याशी गौरी शंकर बिसेन भी इस दौड़ में शामिल माने जा रहे हैं. जबकी हाईकमान इस बार युवाओं को मौका देना चाहती है इस संबंध में संघ भी पक्ष में है.
सिवनी लोकसभा चुनाव के परिपेक्ष में सिवनी पहले छिंदवाड़ा से जोड़ा था और यहाँ पर प्रथम सांसद गार्गी शंकर मिश्रा, निर्मलचंद जैन, प्रहलाद पटेल, राम नरेश त्रिपाठी,विमला वर्मा, केडी देशमुख,बोधसिंह भगत,नीता पटेरिया शामिल थी. परिसीमन के बाद जिले को पहला प्रत्याशी डॉक्टर ढाल सिंह बिसेन के रूप में मिला और उन्हें सिवनी को अनेको सौगाते दी और उनके कार्या को देखते हुए विश्वास है की इस बार हाईकमान उन्हें फिर से मौका देगा। बालाघाट के मतदातओ की मने तो इस बार वहां के लोग बालाघाट के प्रत्याशी की मांग कर रहे हैं, अगर ऐसा होता है तो इस समय सात बार विधायक और 2 बार सांसद रह चुके गौरीशंकर बिसेन का नाम भी सियासी गलियारों में जोर शोर से लिया जा रहा है। हालांकि अपने राजनीतिक जीवन में लगातार जीत का परचम लहराते रहे गौरीशंकर बिसेन को विधानसभा चुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
सिवनी में अनेक चुनाव का संचालन कर चुके संतोष अग्रवाल के नाम पर भी इन दिनों काफी चर्चा गर्म चल रही है विश्वनाथ प्रताप सिंह के कार्यकाल में आरक्षण आंदोलन में जेल भी हुई थी. इसके अतिरिक्त कमल मर्सकोले तथा दिनेश राय के चुनाव संचालन भी रह चुके हैं राजनीतिक अनुभव को देखते हुए लोकसभा प्रत्यशी के रूप में भी नाम सामने आ सकता है।
वही दूसरी और राजनीतिक गलियों में सुजीत जैन का नाम भी चर्चा गर्म चल रही.नगर पालिका सिवनी अकबर के वार्ड से पहली बार इसी नेता ने आजादी के बाद पहली बार भाजपा को बंदी के चुनाव में जीत का स्वाद चखाया था। सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों में भले ही सुजीत लोकसभा चुनाव में अपनी दावेदारी को प्रचारित नहीं किया जा रहा है, लेकिन गठबंधन और प्रदेश संगठन के अहम योगदान तक उनकी मजबूत पकड़ वाली लोकसभा चुनाव में अपनी दावेदारी को प्रबल बना रही है।
आलोक दुबे का नाम भी संसद पद के लिए मन जा रहा है वर्तमान में भाजपा जिला अध्यक्ष और छात्र जीवन में अखिल भारतीय परिषद में भी रह चुके हैं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ निकत्तम मने जाते हैं.
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी भी दावेदारी कर रहे हैं राजधानी से लेकर दिल्ली तक अपने कार्यों को लेकर अपना आवेदन दिया है हो सकता है उन्हें युवाओं की पसंद मानते हुए अवसर दिया जा सकता है।
पूर्व राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे भी दावेदारों को कतार में हैं। हाल ही में जिला बीजेपी के अध्यक्ष बने कावरे परसवाड़ा सीट से बड़े अंतर से चुनाव हारे थे।
वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश पाठक भी बालाघाट सिवनी लोकसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में सामने आ सकते हैं। 2008 के विधानसभा चुनाव में बालाघाट से पाठक ने चुनाव लडा और मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी। पाठक मध्यप्रदेश कबड्डी संघ के उपाध्यक्ष हैं साथ ही सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष भी हैं। लंबे समय से सार्वजनिक जीवन और समाजसेवा के क्षेत्र में काम कर रहे राजेश पाठक पूरे लोकसभा क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। राजेश पाठक विगत 25 वर्षों से जिला कबड्डी संघ और सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष भी हैं।
दावेदारों में एक और नाम भारती पारधी का है। भारती जिला पंचायत सदस्य रहने के अलावा लंबे समय से विधानसभा और लोकसभा दावेदार के रूप में देखी जाती रही हैं। अगर महिला कार्ड चलता है तो भारती पारधी का दावा मजबूत माना जाएगा। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बालाघाट जिले कि 6 में से 4 विधानसभाओं में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया था। ऐसे में उम्मीदवार चयन में भाजपा को जमीनी
हकीकत को समझते हुए ही फैसला लेना होगा।
अगामी दिनों में सर्वे टीम से मंत्रणा के बाद नाम फाइनल होगा ऐसा मन जा रहा है इस बार युवाओं को मौका मिल सकता है। विधानसभा चुनाव की तरह बीजेपी लोकसभा चुनाव में भी चौंका सकती है. टिकट वितरण को लेकर वह अलग रणनीति तैयार कर रही है. पार्टी आधा दर्जन से ज्यादा सांसदों के टिकट बदल सकती है. दरअसल, सांसदों की पांच सीटें उनके विधायक बनने से खाली हैं. इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी ग्वालियर, मंडला, इंदौर, टीकमगढ़, खंडवा, सागर और भिंड लोकसभा चुनाव में बीजेपी टिकट बदल सकती है. विधायक बनने की वजह से मुरैना, जबलपुर, दमोह, सीधी और नर्मदापुरम में सांसदों की सीटें खाली हैं.