मोहन यादव सरकार के 60 दिन… एक्शन, रिएक्शन और क्रिएशन का दिखा तालमेल

मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार के कार्यकाल का दो महीना पूरा हो गया है. इस दौरान मुख्यमंत्री एक्शन, रिएक्शन और क्रिएशन के मामले में चर्चा में बने हुए हैं. दो महीने के कम समय में ही उन्होंने न सिर्फ प्रशासन को अलर्ट किया है बल्कि कई बड़े एक्शन भी लिए हैं. कई मोर्चे पर तत्काल निर्णय लेकर भी उन्होंने सभी को चौंकाया हैं. उन्होंने मोदी जी की गारंटी पूरे करने और संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने में भी फुर्ती दिखाई है. प्रदेश की हर घटना पर उन्होंने तुरंत रिएक्ट कर तत्काल राहत के कदम उठाए हैं. गुना और हरदा में हुए हादसों की सूचना मिलते ही उन्होंने पीड़ितों की हर संभव मदद की.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 60 दिनों में जनता की भलाई के लिए भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. उन्होंने कार्यभार संभालते ही धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकर और खुले में मांस बिक्री पर रोक लगा दी. इस फैसले को आम जन ने खूब सराहा. जनता के साथ कैसे समन्वय स्थापित करना है और कैसे उनकी समस्याओं का हल निकालना हैं, इसके लिए भी डॉ. यादव ने रूपरेखा तैयार कर ली है.

सुशासन और जनता के सम्मान से समझौता नहीं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दो महीने के कार्यकाल में कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें अधिकारी आम जनता की तकलीफें सुनने के बदले उनकी उपेक्षा करते दिखे, ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री ने तत्काल इन अधिकारियों पर कार्रवाई की. सबसे ज्यादा चर्चा में रहा शाजापुर में ट्रक ड्राइवर की हड़ताल के दौरान ड्राइवर से कलेक्टर की अभद्रता का मामला. या फिर उमरिया में एसडीएम द्वारा महिला कर्मचारी से जूते के फीते बंधवाने, बांधवगढ़ एसडीएम की कार को ओवरटेक करने पर दो लोगों को पीटने, देवास में महिला तहसीलदार द्वारा किसान पर अभ्रद भाषा का प्रयोग करना. सभी मामलों में सीएम ने संवेदनशीलता दिखाई और अधिकारियों को साफ मैसेज दिया कि उनके लिए जनता का सम्मान और सुशासन का संकल्प सर्वोपरि है.

मोदी की गारंटी पूरी करने का मिशन मोड

विधानसभा चुनाव के पहले पीएम मोदी ने प्रदेश की जनता से जो वादे किए थे उन्हें पूरा करने के लिए मोहन यादव मिशन मोड में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने सभी विभागों और मंत्रियों को संकल्प पत्र -2023 की घोषणाओं और वचनों को पूरा करने और उसे जमीन पर उतारने के लिए मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए हैं. पीएम मोदी की गारंटी वाली गाड़ी प्रदेश के गांव-गांव और शहर-शहर तक पहुंची है और करीब 50 लाख लोगों को विभिन्न योजनाओं का फायदा पहुंचाया है.

संकल्प पत्र की घोषणा को पूरा करते हुए मोहन यादव सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 3 हजार रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा कर प्रदेश के 35 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी है.

पुराने मामले निपटाने में दिखाई सक्रियता

डॉ.मोहन यादव ने सीएम बनते ही पुराने मामलों की फाइलों को निपटाने में भी सक्रियता दिखाई. उन्होंने सबसे पहले इंदौर की प्रसिद्द हुकुमचंद्र मिल के मजदूरों को उनके बकाया राशि देने संबंधी फाइल को आगे बढ़ाया और राशि मिलने के प्रक्रिया को पूरा किया. किसानों की समृद्धि के लिए खेती में सिंचाई का पानी पहुंचे, इसके लिए लंबे समय से लंबित पार्वती कालीसिंध चम्बल लिंक परियोजना के करार पर राजस्थान के साथ एमओयू किया. इसके साथ ही राजधानी भोपाल में यातायात की सुगमता के लिए बीआरटीए कॉरिडोर को हटाने संबंधी निर्णय लेकर क्रियान्वयन भी प्रारंभ कराया.

विकास के साथ संस्कृति का तालमेल

पूरे प्रदेश में अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर दिपावली मनाई गई बल्कि उज्जैन से 5 लाख लड्डू प्रसाद के रूप में अयोध्या भी भेजे गए। इसके साथ ही चित्रकूट को अयोध्या के तर्ज पर विकसित करने का ऐलान भी मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने किया.

भले ही एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी हो लेकिन मोहन यादव प्रधानमंत्री की च्वाइस हैं. ऐसे में मोहन यादव भी पार्टी से लेकर केन्द्र के बड़े नेताओं और प्रदेश की जनता तक सभी के भरोसे पर खरे उतरने की पुरजोर कोशिश करते हुए नजर आ रहे हैं.

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