17वीं लोकसभा के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन को संबोधित कर रहे हैं. सदन के आखिरी दिन सरकार की ओर से श्वेत पत्र भी लाया गया. श्वेत पत्र पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जाति के मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा, मोदी ने ही ओबीसी को संवैधानिक मान्यता दी और मोदी ने ही ओबीसी आयोग गठित किया.
संसद में पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल यह आखिरी भाषण था. इसके बाद देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. पीएम मोदी इससे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में अपनी बात रखी थी. पीएम मोदी ने सरकार के बड़े फैसलों को भी गिनाया था. पीएम ने कहा था कि तीसरी बार की सरकार में और भी बड़े फैसले लिए जाएंगे.
मोदी सरकार ने बजट सत्र के आखिरी दिन श्वेत पत्र भी लेकर आई. श्वेत पत्र पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार ने पिछले दस साल में देश की अर्थव्यवस्था को कांटों में फंसी साड़ी की तरह सही-सलामत निकालकर भविष्योन्मुखी सुधारों की राह पर चलाने का प्रयास किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राम के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती. 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का दिन भारत को विश्वगुरु बनने के मार्ग पर ले जाना वाला है.
PM Narendra Modi Lok Sabha Speech:
- राम मंदिर को लेकर सदन ने जो प्रस्ताव पास किया है वो देश के मूल्यों को संवैधानिक शक्ति देगा. हर किसी में ऐसा सामर्थ्य नहीं होता है. कोई हिम्मत दिखाता है कोई छोड़कर भाग जाता है. हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ न कुछ अच्छा करते रहेंगे.
- हमने ट्रांसजेंडरों को एक पहचान दी है. अब तक करीब 16-17 हजार ट्रांसजेंडर को अधिकार दिया गया है. पद्म अवार्ड हमने ट्रांसजेंडर को दिया है. सभी सांसदों का जो सहयोग मिला है, जो निर्णय कर पाए हैं, कभी-कभी हमले इतने हुए हैं कि जब चुनौती आती है तो मुझे और आनंद आता है.
- लोगों की जिंदगी में से जितना जल्द सरकार निकल जाए उतना ही लोकतंत्र सामर्थ्य होगा. जो आभाव में हैं, उसके लिए सरकार हल पल मौजूद रहे, लेकिन सरकार का प्रभाव उसकी जिंदगी में रुकावट बने, ऐसे हमारा मकसद नहीं है.
- डेटा का पूरी दुनिया में चर्चा है. हमने डेटा प्रोटेक्शन बिल लाकर पूरी भावी पीढ़ी को सुरक्षित कर दिया है. अब डाटा का उपयोग कैसे हो हमारे कानून में उसकी भी गाइडलाइन है. जल-थल नल की सदियों से चर्चा चली है. अब समुद्री, स्पेस और साइबर की चर्चा बढ़ी है.
- मानव जाति का लाखों साल का इतिहास गवाह है कि रिसर्च होते रहे. जीवनकाल बढ़ता गया है. इस सदन ने रिसर्च को प्रोत्साहन देने का बहुत बड़ा काम किया है. सदन ने रिसर्च को प्रोत्साहित किया. आज भी दुनिया की बहुत सी कंपनी हैं जिनके इनोवेशन के काम भारत में हो रहे हैं.
- हममें से कोई ऐसा नहीं होगा जो 25 साल में देश विकसित भारत न बने. कुछ लोगों ने संपल्प बना लिया है और कुछ लोगों को संकल्प करना होगा. इसलिए सभी को जुड़ना होगा. ये पांच साल युवाओं के लिए है. बहुत ऐतिहासिक कानून भी बने हैं. व्यवस्था में पारदर्शिता लाकर युवाओं को नए मौके दिए गए.
- आने वाले 25 साल देश के लिए काफी अहम हैं. राजनीति अपनी जगह पर है. देश का संकल्प ये बन चुका है, 25 साल वो हैं जो देश इच्छित परिणाम पाकर रहेगा. 1930 में जब नमक सत्याग्रह हुआ था. घोषणा के वक्त लोगों को सामर्थ्य का नजर नहीं आया था.
- हमने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून बनाए. उसके कारण जो लोग ऐसी समस्याओं से जूझते हैं उन्हें एक बल मिला. आतंकवाद से पूर्ण मुक्ति का हमारा सपना पूरा होगा. तीन तलाक को लेकर मुस्लिम बहनें इंतजार कर रही थीं. मजबूरियों से गुजारा करना पड़ रहा था.
- इसी सदन ने धारा 370 हटाकर संविधान के पूर्ण रूप को उसके प्रकाश के साथ उसका प्रकटीकरण हुआ. जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामाजिक न्याय से वंचित रखा गया. आज सामाजिक न्याय पहुंचाकर संतोष की अनुभूति कर रहे हैं.
- एक बड़े बदलाव की तरफ तेज गति से देश आगे बढ़ा है. इसमें भी सदन के सभी साथियों ने अपने हिस्सेदारी दी. हम संतोष से कह सकते हैं कि हमारी अनेक पीढ़ियां जिन बातों का इंतजार करती थी, ऐसे बहुत से काम 17वीं लोकसभा के जरिए पूरा हुए.
- भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का मौका मिला. व्यवस्थाएं बदली होंगी लेकिन डेमोक्रेटिक मन भारत का हमेशा बना रहा. स्पीकर ने भारत की प्रशंसा की. हम संविधान सदन जिसके कहते हैं, आपने देशभर में महापुरुषों के लिए निबंध स्पर्धा का एक अभियान चलाया.
- कोरोनाकाल में भी हमने देश के काम को रुकने नहीं दिया. सांसदों ने अपनी निधि छोड़ दी. उसके लिए मैं सभी का आभारी हूं.सदन की गरिमा भी बनी रहे और देश में आवश्यक कामों को जो गति देनी चाहिए वह भी बनी रहे, उस काम में सदन की जो भूमिका है वह रत्तीभर भी पीछे न रहे उसको आपने संभाला और दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया.
- सदी का सबसे बड़ा संकट मानव जाति ने झेला, कौन बचेगा, कैसे बचेगा कोई किसी को बचा सकता है या नहीं ऐसी वेा अवस्था थी, ऐसे में सदन में आना, घर छोड़कर निकलना संकट का काम था, इसके बाद भी जो भी नई व्यवस्थाएं करनी पड़ीं, आपने किया, देश के काम को रुकने नहीं दिया.
- सदी का सबसे बड़ा संकट मानव जाति ने झेला, कौन बचेगा, कैसे बचेगा कोई किसी को बचा सकता है या नहीं ऐसी वेा अवस्था थी, ऐसे में सदन में आना, घर छोड़कर निकलना संकट का काम था, इसके बाद भी जो भी नई व्यवस्थाएं करनी पड़ीं, आपने किया.
- देश के काम को रुकने नहीं दिया, सदन की गरिमा भी बनी रहे और देश में आवश्यक कामों को जो गति देनी चाहिए वह भी बनी रहे, उस काम में सदन की जो भूमिका है वह रत्तीभर भी पीछे न रहे उसको आपने संभाला और दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया.
- यहां कुछ भी हो जाए लेकिन कभी भी उस मुस्कान में कमी नहीं आई. आपने सदन का मार्गदर्शन किया, इसके लिए आपकी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं. आक्रोश और आरोप के पल आए और आपने पूरे धैर्य के साथ इन सभी स्थितियों को संभालते हुए इस सदन को चलाया इसके लिए भी मैं आपका आभारी हूं.
- देश को फिर से एक बार अपने संकल्पों को राष्ट्र के चरणों में समर्पित करने का अवसर है. ये पांच वर्ष देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के रहे. ऐसा होता है तो नया विश्वास बढ़ता है, यह अपने आप में अनोखा है, देश इसका अनुभव कर रहा है. देश 17 वीं लोकसभा को जरूर आर्शीवाद देता रहेगा.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन पहुंच गए हैं. फिलहाल कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी अपनी बात रख रहे हैं. उनके बाद पीएम मोदी संदन को संबोधित करेंगे.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में लोकसभा पहुंचने वाले हैं. पीएम मोदी ने इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में अपनी बात रखी थी. तब पीएम मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में किए गए कार्यों का जिक्र किया था.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.