शिव भक्तों को समर्पित प्रदोष व्रत की पूजा अर्चना आज की जाएगी. त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है. प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है लेकिन इस बार प्रदोष व्रत बुधवार के दिन है, इसलिए भगवान शिव के साथ भगवान गणेश जी की भी पूजा करने से भगवान गणेश का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. ऐसे में इस दिन की पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.
मान्यता है प्रदोष व्रत करने से जीवन में चल रही सभी परेशानियां दूर होती हैं. इस विशेष दिन पूजा -अर्चना करने से भगवान शिव की कृपा से सुख-समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत के दिन शिव चालीसा के पाठ के साथ शिव मंत्रों का जाप करने से भगवान भोलेनाथ की असीम कृपा प्राप्त होती है.
पूजा का शुभ मुहूर्त जानें
प्रदोष व्रत की पूजा आज यानी 07 फरवरी, बुधवार के दिन की जाएगी. पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर 08 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. इस बार बुधवार के दिन पड़ने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा.
इस तरह करें भोले बाबा को प्रसन्न
धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें. उसके बाद मंदिर जाकर या फिर घर पर ही भगवान शिव के सामने घी का दीपक जलाकर उनकी सच्चे मन से आराधना करें. शिव चालीसा का पाठ करने के बाद भगवान शिव या शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं. उसके बाद फिर से साफ जल से स्नान कराने के बाद दूध, दही, घी, शहद और शक्कर चावल और खीर का भोग अर्पित करें.
प्रदोष व्रत में सुबह और शाम दोनों समय में पूजा की जाती है. इसलिए सुबह की पूजा के बाद शाम के समय भी भगवान शिव की पूजा अर्चना करना न भूलें. भगवान शिव के साथ माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें. पूजा का समापन आरती से करें और घर में सुख समृद्धि की कामना करें.
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