जननायक को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद ही बिहार में नए सियासी समीकरण के संकेत मिलने लगे थे. राष्ट्रपति भवन से 23 जनवरी की शाम जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा हुई. इस घोषणा का नीतीश कुमार ने दिल खोल कर स्वागत किया. लगे हाथ परिवारवाद पर बोलकर लालू कुनबे को भी असहज कर दिया. इसके अगले दिन राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्या ने नीतीश कुमार पर व्यक्तिगत टिप्पणी की. इस व्यक्तिगत टिप्पणी के बाद यह तय हो गया कि बिहार में अब सरकार गिरना तय है और रविवार को इसका ऐलान भी हो गया.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने करीब 11 बजे राज्यपाल को इस्तीफा सौंप देने के बाद नई सरकार बनाने का ऐलान किया है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ने और बीजेपी के साथ जाने की वजह भी बताई . नीतीश कुमार ने कहा-जो सरकार थी उसे खत्म कर दिया गया है. हमने उसे समाप्त करने के लिए गवर्नर साहब से कहा है. हमें ऐसा करने के लिए चारों तरफ से कहा जा रहा था. चीजें ठीक नहीं थी. तब हमने पार्टी के लोगों की बात सुनी. इसके बाद हमलोग उनसे अलग हो गए हैं. सरकार में हमलोग काम कर रहे थे वो लोग कुछ काम ही नहीं करते थे. इससे लोगों को तकलीफ हो रही थी. हमने तो बोलना भी छोड़ दिया था.
पार्टी के लोगों ने कहा इस्तीफा दे दीजिए
नीतीश कुमार ने कहा कि हमने पार्टी के लोगों की ही बात मानी है. इस गठबंधन के साथ काम करने में सबको दिक्कत थी. मुझे भी तकलीफ हो रही थी. पार्टी के सदस्यों से मैंने इस समस्या को जब साझा किया तो सबने कहा कि आप इस्तीफा दे दीजिए. इसके बाद मैंने उनकी बातों को माना और इस्तीफा दे दिया.अब हम नए गठबंधन के साथ सरकार बनाएंगे.
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