‘मैं दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं’, रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा

भगवान रामलला आज अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं, इसी के साथ ही 500 वर्षों को इंतजार समाप्त हो गया है। पीएम मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में सोमवार को श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई और देश-विदेश में लाखों रामभक्त इसके साक्षी बने। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली झलक भी सामने आई है, जिसके देखने के बाद भक्त मंत्रमुग्ध हो गए हैं। प्रभु राम की मूर्ति को अरुण योगीराज द्वारा बनाया गया है। उन्होंने ने खुद को दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति बताया है।

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मूर्तिकार अरुण योगीराज भी शामिल हुए थे। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अरुण योगीराज ने कहा,”मुझे लगता है कि अब मैं इस धरती पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं. मेरे पूर्वजों, परिवार के सदस्यों और भगवान राम का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहा है. कभी-कभी मुझे ऐसा लगता है, जैसे मैं सपनों की दुनिया में हूं। राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामललला की पहली झलक सामने आई है, जिसमें प्रभु राम की आंखों में मासूमियत, होठों पर मुस्कान, चेहरे पर गजब का तेज दिखाई दे रहा है।

अयोध्या में सोमवार को राम मंदिर में श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ‘सियावर रामचंद्र की जय’ और ‘जय श्री राम’ के उद्घोष के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 22 जनवरी 2024 का यह सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और यह एक नए कालचक्र का उद्गम है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी।” उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं बल्कि एक नए कालचक्र का उद्गम है। उन्होंने कहा, ‘‘ये क्षण आलौकिक है, ये पल पवित्रतम है।”

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.