अयोध्या: राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा से पूर्व सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रामलला के नूतन विग्रह की खुली आखों वाली तस्वीर को रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने रोष जताया है। उन्होंने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान पूर्ण हुए बिना विग्रह की नेत्र नहीं खोले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी आचार्य तस्वीर वायरल हो रही है, तो उसकी जांच कराई जानी चाहिए। बता दें कि शुक्रवार को सोशल मीडिया पर रामलला के नए विग्रह की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं। जिसमें कई तस्वीरे ऐसी है। जिसमें विग्रह के आंखों पर पट्टी बंधी है जबकि कुछ तस्वीरें ऐसी है, जिसमें नेत्र से पट्टी खुली है।
जो खुले आंखों वाली मूर्ति वायरल हो रही है, वह सही नहीं
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि मूर्ति तैयार के होने के बाद जब मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने के लिए ले जाई जाती है, तो बिना प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान होने पर ही आंख से पट्टी हटाई जाती है। सत्येंद्र दास इतना जरूर है कि अनुष्ठान प्रक्रिया के दौरान मूर्ति के कुछ हिस्सों से कपडे हो हटाया जा सकता है लेकिन आंख से पट्टी नहीं खोली जा सकती है। उन्होंने दावा किया है जो खुले आंखों वाली मूर्ति वायरल हो रही है, वह सही नहीं है। ऐसी तस्वीरो की जांच कराई जानी चाहिए।
बाहरी लोगों के अयोध्या में प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी
आपको बता दें कि आज प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान का छठवां दिन हैं, आज से प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अतिथियों का अयोध्या पहुँचना शुरू हो गया है। अब से अयोध्या में सिर्फ़ उन्हीं लोगों को एंट्री मिलेगी, जिनके पास रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण होगा। स्थानीय लोगों को पास जारी किए गए हैं, ताकि उनके आवागमन में कोई बाधा न हो। बाहरी लोगों के अयोध्या में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है।समारोह को देखते हुए राम मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है।
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