मकर संक्रांति पर खत्‍म होगा खरमास, इस दिन से फिर शुरू होंगे मांगलिक कार्य, होली तक विवाह के 40 मुहूर्त

पिछले 20 दिनों से खरमास के चलते शुभ कार्यों पर रोक लगी है। अगले सप्ताह 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास का समापन होगा। इसके पश्चात पुन: शुभ कार्य प्रारंभ होंगे। 17 जनवरी से लेकर 12 मार्च को होलाष्टक शुरू होने और 14 मार्च से मीन मलमास प्रारंभ होने से पहले 40 शुभ मुहूर्तों में विवाह और अन्य संस्कार संपन्न किए जा सकेंगे।

महामाया मंदिर के पुजारी पं.मनोज शुक्ला के अनुसार हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस साल 15 जनवरी को सुबह 9.13 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश हो रहा है। इसलिए, मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। सुबह पवित्र नदियों में पुण्य स्नान किया जाएगा। शाम तक तिल, गुड़ से बनी चीजों का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होगी।

संक्रांति काल से 20 घटी यानी आठ घंटा पहले और आठ घंटा बाद तक पुण्यकाल होता है। मकर संक्रांति से उत्तरायण काल प्रारंभ होता है। उत्तरायण काल को देवताओं का दिन कहा जाता है। दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि कहा गया है। सूर्य के उत्तरायण काल में स्नान-दान, जप-तप, श्राद्ध-अनुष्ठान करने का विशेष महत्व है। उत्तरायण काल और मकर संक्रांति पर दान करने से 100 गुणा अधिक फल की प्राप्ति होती है।

पौष मास में सूर्य आराधना

पौष मास की पंचमी तिथि पर मकर संक्रांति मनाई जाएगी। पौष मास को सूर्य पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। संक्रांति पर सूर्य सहस्त्रनाम, आदित्य हृदयस्त्रोत, सूर्य चालीसा, सूर्य मंत्राें का जाप करके सूर्यदेव की पूजा करना चाहिए।

40 मुहूर्त श्रेष्ठ

खरमास समाप्त होने के पश्चात जनवरी से मार्च तक 40 शुभ मुहूर्त हैं। इनमें जनवरी में 11, फरवरी में 19 और मार्च में 10 मुहूर्तों में फेरे लिए जा सकेंगे।

माह विवाह के मुहूर्त

जनवरी 16, 17, 18, 20, 21, 22 ,27, 28,29, 30 और 31

फरवरी 1 से 7, 12 से 14, 17 से 19, 23 से 27 और 29

मार्च 1 से 8, 11 और 12

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